सम्पादकीय: “युद्ध की विभीषिका में कोई विजेता नहीं होता, हारती है केवल मानवता।”
सच तो यह है कि आधुनिक युद्धों में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों का होता है। अत्याधुनिक हथियारों और बमों का इस्तेमाल सैन्य ठिकानों के साथ-साथ रिहायशी इलाकों को भी…
सम्पादकीय : क्या G7 देशो के शिखर सम्मेलन के लिए भारत को निमंत्रण नहीं मिलना भारत की विदेश नीति की अग्नि परीक्षा है…?
बिगड़ते विदेशी संबंधों को सुधारने के लिए दीर्घकालिक कदमों में, भारत को बहुपक्षीय मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति जारी रखनी चाहिए. भारत G20, BRICS, और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे…
संपादकीय: आत्मनिर्भर भारत बनाम जमीनी हकीकत – विकल्पों का अभाव और सरकार की रणनीति
यदि हम विदेशी सामान बेचना बंद कर देते हैं, तो क्या हमारे पास पर्याप्त और प्रतिस्पर्धी स्वदेशी विकल्प उपलब्ध हैं? वर्तमान परिदृश्य में, यह एक जटिल प्रश्न है जिसका उत्तर…
सम्पादकीय : संयुक्त राष्ट्र संघ: स्थापना, उद्देश्य और वर्तमान चुनौतियाँ
आज की दुनिया में, संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक उद्देश्यों और उसकी वर्तमान प्रभावशीलता के बीच एक स्पष्ट अंतर दिखाई देता है। क्या संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना जिस उद्देश्य से…
संपादकीय: क्या हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड विकास की राह पकड़ी, या ठहराव और चुनौतियों का कर रहा सामना..?
हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में झारखंड ने उम्मीदों के विपरीत, ठहराव और चुनौतियों का सामना किया। रोजगार, औद्योगिक निवेश, कानून व्यवस्था, और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सरकार का प्रदर्शन…
संपादकीय: क्या भारत का व्यापार और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर चीन-अमेरिकी ट्रेड डील से होगा प्रभावित ?,क्या हमारे लिए यह अवसर है या चुनौती …?
भारत को इस अस्थायी समझौते से घबराने के बजाय, इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए ताकि वह अपनी विनिर्माण क्षमताओं को और मजबूत कर सके, अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा…
सम्पादकीय : त्राल की चीख और इस्लामाबाद का उन्माद: आतंक के दो चेहरे
पाकिस्तान ने क्या चुना? आतंक और किसी दूसरे देश का पिछलग्गू बनकर उसकी भीख और सहायता से आतंकवाद का पोषण करना। आज न तो पाकिस्तान में एक मजबूत लोकतंत्र स्थापित…
सम्पादकीय : मासूम बचपन और शिक्षा के नाम पर प्रताड़ना, इस पर समीक्षा की है जरूरत..!
उत्तर प्रदेश के नैनी के दीन दयाल जूनियर हाई स्कूल में कथित तौर पर रोने पर शिक्षकों द्वारा पीटे जाने के कारण एक अबोध बालक की जान चली जाना, न…
सम्पादकीय :-आतंकवाद के पोषक पर IMF की मेहरबानी : भारत की विदेश नीति के लिए आत्ममंथन का समय
भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखते हुए, अपने हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत और संतुलित विदेश नीति का अनुसरण करना होगा। उसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद…
सम्पादकीय : युवाओं में बढ़ते हृदय आघात: चिंताजनक स्थिति और गहन अध्ययन की आवश्यकता
युवाओं को कम उम्र में हो रही हृदयघात को लेकर सरकार को तत्काल हरकत में आना चाहिए और एक उच्च स्तरीय मेडिकल बोर्ड का गठन कर इस समस्या की गहनता…