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Binod Anand

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पटना में दिल दहला देने वाली घटना: दो बच्चों की मौत, हादसा या साजिश?

प टना: बिहार की राजधानी पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। नगवां गांव में एक…

साबधान: अगर एल्युमीनियम के कढ़ाही–कुकर और वर्तन में खाना बनाते हैं तो हो जाएं सावधान..?

ब हुत से भारतीय घरों में आज भी एल्युमीनियम से बने कढ़ाही, तवा या कुकर का रोजमर्रा में इस्तेमाल होता है। हल्के, आसानी से उपलब्ध और सस्ते होने के कारण…

बख्तियारपुर जंक्शन: नेहरू जी चिपका गए कलंक को माथे पर ..

दानापुर डिवीजन अंतर्गत पूर्व मध्य रेलवे जोन के बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर है। पूर्व में इस स्टेशन का नाम नालंदा रेलवे स्टेशन था,…

संस्मरण: नामवर शताब्दी : आस्मां को ज़मीं पर जब उतरते देखा!

लेखक परिचय:- श्याम बिहारी श्यामल का जन्म 1965 में हुआ। वे लगभग तीन दशक से लेखन और पत्रकारिता से जुड़े हैं। उनका पहला चर्चित उपन्यास ‘धपेल’ 1998 में पलामू के…

सम्पादकीय : पत्रकारों के लिए पेंशन और आवास: एक स्वागत योग्य पहल, पर राह अभी है लंबी

बिहार सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए पेंशन और आवास की घोषणा एक सकारात्मक कदम है, जो पत्रकार समुदाय के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आया है। यह दर्शाता है…

झारखंड में कैंसर उपचार में नई क्रांति: मेडिकेंट हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक हुआ HDR इंटरस्टिशियल ब्रैकीथेरेपी प्रत्यारोपण

झारखंड के बोकारो स्थित मेडिकेंट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कैंसर के उपचार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने राज्य में पहली बार उच्च खुराक दर (HDR)…

सम्पादकीय :बांग्लादेश का भटकता रास्ता: क्या लोगों क़ो फिर आ रही हसीना युग की याद

शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने आर्थिक विकास की एक लंबी छलांग लगाई थी। पद्मा ब्रिज जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स और डिजिटल बांग्लादेश की पहल ने देश को प्रगति के…

सेंधा नमक बनाम समुद्री नमक: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं

यह जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आयोडीन युक्त नमक को 40 साल पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों में यह…

बिहार में पुलों का ढहना: क्या इसकी बजह सरकार की शिथिलता औऱ  भ्रष्टाचार और विकास विरोधी नीति है?

राजनीतिक वाद-विवाद के बीच यह तथ्य सामने आता है कि पुलों के गिरने की समस्या किसी एक शासनकाल तक सीमित नहीं रही। लालू यादव, कांग्रेस या फिर नीतीश कुमार—हर सरकार…

वह अविस्मरणीय पल था, जब मुझे असरानी जी से मिलने का सौभाग्य मिला था

1987 में मुंबई में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में झारखंड के धनबाद जिले से हम कई कार्यकर्ता, तत्कालीन दिग्गज क्रांतिकारी नेता समरेश सिंह के नेतृत्व में भाग लेने गए…