राजधानी रांची का नवनिर्मित कांटाटोली फ्लाईओवर एक बार फिर से सुर्खियों में है, लेकिन इस बार इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। उद्घाटन के एक साल के भीतर ही फ्लाईओवर के गार्डवॉल में दरार दिखने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिससे लोगों में चिंता फैल गई है।
रा जधानी रांची का नवनिर्मित कांटाटोली फ्लाईओवर, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था, अब अपनी सुरक्षा को लेकर सवालों के घेरे में है। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण फ्लाईओवर के गार्डवॉल में एक स्पष्ट दरार दिखाई देने लगी, जिसकी तस्वीर रविवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। इस वायरल तस्वीर ने जनता में चिंता पैदा कर दी, क्योंकि फ्लाईओवर को बने अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है।

नगर विकास सचिव का हस्तक्षेप और जुडको का निरीक्षण
सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद, नगर विकास सचिव सुनील कुमार ने तत्काल इस मामले का संज्ञान लिया और झारखंड शहरी आधारभूत संरचना विकास कंपनी (JUIDCO) को फ्लाईओवर का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। जुडको, जो झारखंड सरकार की एक कंपनी है और शहरी बुनियादी ढांचे के विकास का काम करती है, की एक टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर फ्लाईओवर का गहन निरीक्षण किया।
जुडको का दावा: दरार नहीं,
एक्सपेंशन व कंस्ट्रक्शन ज्वाइंट है
निरीक्षण के बाद, जुडको ने नगर विकास सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें दावा किया गया है कि फ्लाईओवर पूरी तरह से सुरक्षित और मजबूत स्थिति में है। जुडको के अनुसार, गार्डवॉल में जो ‘दरार’ दिख रही है, वह वास्तव में दरार नहीं बल्कि एक्सपेंशन और कंस्ट्रक्शन ज्वाइंट है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सेगमेंट गर्डर प्रणाली से बने फ्लाईओवर में बीम या गर्डर पर एक्सपेंशन ज्वाइंट और दीवार पर कंस्ट्रक्शन एक्सपेंशन के लिए जगह छोड़ी जाती है। इन खाली जगहों में थर्मोकोल की फिलिंग की जाती है। जुडको ने स्पष्ट किया कि यह थर्मोकोल जोड़ों को सिकुड़ने और फैलने में सहायता करता है, जिससे फ्लाईओवर पर दरारें बनने से रोका जा सकता है। जुडको का कहना है कि हाल ही में हुई बारिश के कारण यह थर्मोकोल जोड़ों से बाहर निकल गया है, जिससे वह जगह दरार जैसी दिख रही है।
भविष्य की कार्रवाई और जनता की चिंता
जुडको की रिपोर्ट के आधार पर, नगर विकास सचिव ने एक्सपेंशन के लिए छोड़ी गई सभी दरारों को भरने का निर्देश दिया है। हालांकि, जुडको के स्पष्टीकरण के बावजूद, फ्लाईओवर की सुरक्षा को लेकर लोगों के मन में चिंता बनी हुई है। यह फ्लाईओवर राजधानी के निवासियों को घंटों लगने वाले ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया था, और इसकी कथित ‘दरार’ ने इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना बाकी है कि जुडको द्वारा की जाने वाली मरम्मत और भविष्य में इसके रखरखाव को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके।


