ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को ही नुकसान पहुंचे और किसी भी नागरिक या सैन्य संपत्ति को कोई क्षति न हो। यह भारत की जिम्मेदारी और पेशेवर रवैये को दर्शाता है कि उसने जवाबी कार्रवाई करते समय भी अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानवीय मूल्यों का पूरा ध्यान रखा।
ज म्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद, भारत ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और जवाबी कार्रवाई की क्षमता का परिचय देते हुए सीमा पार बैठे आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के संयुक्त तत्वावधान में एक सटीक और साहसिक अभियान को अंजाम देते हुए, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकी प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्च पैड्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया।इस ऑपरेशन में एयर-टू-सरफेस मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिससे आतंकियों के कई ठिकाने पल भर में मलबे के ढेर में तब्दील हो गए।

भारतीय सुरक्षा बलों ने इस महत्वपूर्ण कार्रवाई को 7 मई की रात, ठीक 1 बजकर 30 मिनट पर अंजाम दिया। आसमान में गरजते हुए भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने अपने एयरबेस से उड़ान भरी और कुछ ही देर में दुश्मन के गढ़ में तबाही मचा दी। इस हमले की पुष्टि भारतीय सेनाओं ने रात 1 बजकर 45 मिनट तक कर दी। सरकार की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाली संस्था, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने एक बयान जारी कर इस साहसिक कदम की जानकारी दी। बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह कार्रवाई हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया थी और इसमें विशेष रूप से आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया है। भारतीय सेना ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस जवाबी कार्रवाई में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान या नागरिक क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।
भारतीय सेना की ओर से रात 1 बजकर 50 मिनट पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक संक्षिप्त लेकिन शक्तिशाली संदेश जारी किया गया। इस पोस्ट में लिखा गया, “न्याय किया गया। जय हिंद।” यह एक शब्द में भारत की दृढ़ संकल्प शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी निर्णायक लड़ाई का प्रतीक था।
इस सटीक और लक्षित हवाई हमले के बाद, पाकिस्तान की ओर से बौखलाहट देखने को मिली। लगभग 3 बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करना शुरू कर दिया। नौशेरा, पुंछ, उड़ी और कश्मीर के कुछ अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा मोर्टार और छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई। हालांकि, भारतीय सेना ने इस उकसावे का तुरंत और प्रभावी ढंग से जवाब दिया, और खबर लिखे जाने तक जवाबी कार्रवाई जारी थी। भारतीय जवान सीमा पर पूरी तरह से मुस्तैद हैं और किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक के बाद, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने तुरंत सक्रियता दिखाई। उन्होंने पाकिस्तान के उच्चाधिकारियों से फोन पर बात की और उन्हें इस सैन्य कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी। एनएसए डोभाल ने स्पष्ट रूप से बताया कि भारत का यह कदम पूरी तरह से आतंकवाद विरोधी था और इस ऑपरेशन में केवल आतंकी शिविरों और उनके बुनियादी ढांचे को ही निशाना बनाया गया है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भारतीय सेना का इरादा किसी भी सैन्य ठिकाने को क्षति पहुंचाना नहीं था और यह कार्रवाई केवल आत्मरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
इसके साथ ही, एनएसए अजीत डोभाल ने संयुक्त राज्य अमेरिका के अपने समकक्ष (अमेरिकी एनएसए) को भी इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराया। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को भारत की जवाबी कार्रवाई के कारणों और लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के रुख को समझने में मदद मिली।
भारतीय सेना की इस साहसिक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तानी सरकार ने आनन-फानन में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, लाहौर और सियालकोट के हवाई अड्डों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इन हवाई अड्डों पर अगले 48 घंटों के लिए सभी प्रकार की विमान सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, पंजाब प्रांत में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है और पूरे प्रांत के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में तत्काल प्रभाव से छुट्टियों का ऐलान कर दिया गया है। यह कदम संभवतः किसी भी अप्रिय घटना से बचने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पहलगाम हमला: एक कायरतापूर्ण कृत्य
यह जवाबी कार्रवाई 15 दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस जघन्य आतंकी हमले की प्रतिक्रिया थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उस कायरतापूर्ण हमले में, आतंकवादियों ने निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाया था, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना ने भारत के लोगों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया था और सरकार पर आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भारी दबाव था।
पहलगाम हमला, सीमा पार से संचालित हो रहे आतंकी समूहों की नापाक हरकतों का एक और उदाहरण था। यह हमला न केवल निर्दोष लोगों की जान लेने का एक प्रयास था, बल्कि इसका उद्देश्य क्षेत्र में डर और अस्थिरता का माहौल पैदा करना भी था। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और इस हमले ने इस संकल्प को और मजबूत किया।
भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया: आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने का संकल्प
पहलगाम हमले के बाद, भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि इस कायरतापूर्ण कृत्य के perpetrators को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं ने शहीद हुए नागरिकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की थी और यह दृढ़ संकल्प जताया था कि आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को उनके किए की सजा जरूर मिलेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें की थीं और जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर विचार-विमर्श किया था।
भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां पिछले 15 दिनों से लगातार उन आतंकी समूहों और उनके ठिकानों की पहचान करने में जुटी हुई थीं, जो पहलगाम हमले में शामिल थे। खुफिया जानकारी और तकनीकी सर्विलांस के माध्यम से, उन विशिष्ट आतंकी शिविरों और लॉन्च पैड्स की पहचान की गई जो सीमा पार स्थित थे और जहां से आतंकवादियों को प्रशिक्षण और हथियार प्राप्त होते थे।
ऑपरेशन का क्रियान्वयन: सटीकता और समन्वय का प्रदर्शन
7 मई की रात को भारतीय सेनाओं ने जिस ऑपरेशन को अंजाम दिया, वह उनकी उच्च स्तरीय तैयारी, सटीक खुफिया जानकारी और तीनों अंगों के बीच उत्कृष्ट समन्वय का प्रमाण था। वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए सीमा पार उड़ान भरी और पूर्व-निर्धारित लक्ष्यों पर अचूक निशाना साधा। इस ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई एयर-टू-सरफेस मिसाइलें आधुनिक तकनीक से लैस थीं और उन्होंने आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।
इस पूरे ऑपरेशन के दौरान, भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को ही नुकसान पहुंचे और किसी भी नागरिक या सैन्य संपत्ति को कोई क्षति न हो। यह भारत की जिम्मेदारी और पेशेवर रवैये को दर्शाता है कि उसने जवाबी कार्रवाई करते समय भी अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानवीय मूल्यों का पूरा ध्यान रखा।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: बौखलाहट और इनकार
भारतीय सेना की इस सफल स्ट्राइक के बाद, पाकिस्तान की ओर से अपेक्षित प्रतिक्रिया देखने को मिली। शुरू में, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस तरह की किसी भी घटना से इनकार करने की कोशिश की। हालांकि, हवाई अड्डों को बंद करने और पंजाब में आपातकाल घोषित करने जैसे कदमों ने उनकी बौखलाहट और अंदरूनी डर को स्पष्ट रूप से उजागर कर दिया।
बाद में, पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आईं कि सीमा पर कुछ अज्ञात विमानों की गतिविधि देखी गई थी, लेकिन उन्होंने किसी भी बड़े नुकसान या भारतीय सेना द्वारा किसी भी तरह की स्ट्राइक की पुष्टि नहीं की। यह इनकार की रणनीति पाकिस्तान की पुरानी आदत है, लेकिन इस बार भारत ने ठोस सबूतों और कार्रवाई के माध्यम से उनके दावों को खोखला साबित कर दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत के रुख को समर्थन
भारत की इस जवाबी कार्रवाई पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया अभी तक आनी बाकी है, लेकिन अतीत के अनुभवों से यह उम्मीद की जा सकती है कि कई देश भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समझेंगे। आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और हर देश को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार है। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया है और इस बार भी उसने अपने सहयोगियों को स्थिति से अवगत कराया है।
एनएसए अजीत डोभाल द्वारा अमेरिकी एनएसए से बातचीत इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है। अमेरिका ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा रहा है और यह उम्मीद की जाती है कि वह इस बार भी भारत के रुख का समर्थन करेगा।
आगे की राह: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
भारत की यह जवाबी कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले का बदला है, बल्कि यह सीमा पार बैठे उन आतंकी समूहों के लिए भी एक चेतावनी है जो भारत में हिंसा फैलाने की साजिश रचते रहते हैं।
हालांकि, यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आतंकवाद एक जटिल समस्या है और इसे जड़ से उखाड़ने के लिए निरंतर प्रयास और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। भारत को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा, खुफिया जानकारी के तंत्र को और प्रभावी बनाना होगा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ावा देना होगा।
यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत अपने नागरिकों को शांत और एकजुट रहने का संदेश दे। आतंकवादियों का मकसद डर और विभाजन पैदा करना होता है, और हमें उनके इस नापाक इरादे को विफल करना होगा। भारत एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र है और वह हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
निष्कर्ष:
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई यह एयर स्ट्राइक आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प का एक शक्तिशाली प्रदर्शन है। यह कार्रवाई न केवल शहीद हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि है, बल्कि यह उन सभी ताकतों के लिए एक स्पष्ट संदेश भी है जो भारत की शांति और सुरक्षा को भंग करने की कोशिश करते हैं। भारत ने दिखा दिया है कि वह अपनी सीमाओं की रक्षा करने और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। “न्याय किया गया। जय हिंद।” यह नारा आज हर भारतीय के दिल में गूंज रहा है और यह भारत के नए आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।


