• Thu. Oct 16th, 2025

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क्यों गर्व होना चाहिए फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ पर धानुक समाज को हिंदी साहित्य के इतिहास में फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ एक ऐसे साहित्यकार के रूप में याद किए जाते हैं, जिन्होंने…

विकास फोरम का मनाया गया 30 वां स्थापना सह हिंदी दिवस समारोह, जिले के कई महत्वपूर्ण लोगों को किया गया सम्मानित

गोविंदपुर के अग्रसेन भवन में विकास फोरम ने अपना स्थापना दिवस और हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक पत्रिका ‘विकास पथ’ का विमोचन…

दाऊदनगर का जीऊतिया: एक अनोखा लोकपर्व

रचानकार:- डॉ. उर्मिला सिन्हा, (राँची, झारखंड) ​आज से पचपन साल पहले जब मेरा विवाह दक्षिण बिहार के दाऊदनगर स्थित संसा गाँव में हुआ, तो वहाँ के जीऊतिया उत्सव को देखकर…

ग्लोबल स्कूल ऑफ़ इंडिया में सामुदायिक पुलिस परामर्श सह जनरल काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन,एसएसपी प्रभात कुमार भीं पहुंचे छात्रों के बीच

ग्लोबल स्कूल ऑफ इंडिया का उद्देश्य सिर्फ अकादमिक शिक्षा देना नहीं है, बल्कि छात्रों को जीवन के हर पहलू से अवगत कराकर एक सफल इंसान बनाना है। समुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम…

झारखंड पब्लिक स्कूल में ‘गौरव दिवस’ के रूप में स्वतंत्रता दिवस समारोह

आज का दिन हमारे लिए गौरव का दिन है। आज वीर शहीदों को याद किया जाता है, जिनकी कुर्बानियों के बाद भारत को आज़ादी मिली। उन्होंने कहा, “आज हम तेज़ी…

सम्पादकीय : लोकतंत्र का चौथा स्तंभ: निष्पक्षता और जनता की जिम्मेदारी

अजीत अंजुम जैसे पत्रकारों पर हो रही कार्रवाई सिर्फ उन व्यक्तियों पर हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है. हमें यह समझना होगा कि यदि मीडिया…

बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण की आहट, उपेक्षित धानुक समाज के उदय,टिकट के दौड़ में फिल्मकार, सामाजिक कार्यकर्ता और जनसेवक एन. मंडल भी शामिल

धानुक समुदाय, जो संख्या में महत्वपूर्ण होने के बावजूद, राजनीतिक शक्ति के वितरण में हमेशा हाशिये पर रहा है, अब प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व से आगे बढ़कर वास्तविक सत्ता में हिस्सेदारी की…

प्रधानमंत्री मोदी का G-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक कूटनीति का प्रदर्शन

क नाडा में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव को एक बार फिर प्रदर्शित किया। सम्मेलन के दौरान…

अहमदाबाद विमान त्रासदी: एक राष्ट्र का साझा दुख और अनसुलझे सवाल

यह त्रासदी हमें सिखा गई कि ज़िंदगी कभी भी बदल सकती है। जीवन कितना अप्रत्याशित है—आप छुट्टी मनाने जाते हैं और आतंकवादी आपको गोली मार देते हैं; आप एक ट्रॉफी…

संपादकीय : साहित्य का बदलता परिदृश्य: संचार क्रांति – वरदान या अभिशाप…?

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय, मुंशी प्रेमचंद जैसे महान साहित्यकारों ने अपनी कालजयी रचनाओं से समाज को न केवल प्रभावित किया, बल्कि उसे एक नई दिशा भी दिखाई। उनकी कहानियाँ और उपन्यास…