चरपोखरी, भोजपुर: स्थानीय प्रोजेक्ट बालिका+2 विद्यालय चरपोखरी में आज एक भावुक विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह अवसर था तीन शिक्षकों को उनके स्थानांतरण के बाद अपने गृह जिले के लिए विदा करने का। इन तीन शिक्षकों ने विद्यालय में रहते हुए अपनी गहरी समझ और प्रयासों से एक अमिट छाप छोड़ी है।

जिन शिक्षकों को आज विदाई दी गई उनमें विज्ञान शिक्षिका श्रीमती संगीता जी, खेल शिक्षक मो. परवेज आलम, और राजनीति विज्ञान शिक्षक श्रीमान जयगोपाल सिंह शामिल हैं। तीनों शिक्षकों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानपूर्वक विदाई दी गई।
श्रीमती संगीता जी, जो पिछले 10 वर्षों से विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में सेवारत थीं, ने विशेष रूप से विद्यालय के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक समय जब विद्यालय शिक्षकों की कमी का सामना कर रहा था, तब उन्होंने अपने शैक्षणिक ज्ञान और अनुभव से विद्यालय को सही दिशा में संचालित करने में मदद की। उनकी विषय के प्रति गहरी निष्ठा और विचारों के प्रति संवेदनशीलता हमेशा सराहनीय रही। आज उनके अंतिम दिन छात्राओं की आंखें नम थीं और विद्यालय परिवार उनके द्वारा सृजित गतिविधियों को कभी नहीं भूल पाएगा।
खेल शिक्षक मो. परवेज आलम ने अपने अल्प सेवाकाल में ही सभी को प्रभावित किया। उन्होंने हमेशा खेल गतिविधियों के माध्यम से छात्राओं में एक नई गति और ऊर्जा का संचार किया। इसी तरह, राजनीति विज्ञान शिक्षक श्रीमान जयगोपाल सिंह ने भी अपने कम समय में ही विद्यालय में एक सकारात्मक शैक्षणिक माहौल बनाने में सफलता प्राप्त की। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ऐसे प्रतिभावान शिक्षक हमेशा ही बेहतर प्रदर्शन करते हैं।इ
स अवसर पर प्रभारी प्रधानाध्यापक अजय राय ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय आज अपने शिक्षकों को विदाई देते हुए गम में है। उन्होंने कहा कि “हम सभी ने मिलकर विद्यालय को विद्या मंदिर की तरह सृजित किया है। कल विद्यालय खुलते ही आप सभी को उपस्थित न देखकर विद्यालय में एक खालीपन का एहसास होगा, जिसकी भरपाई आसान नहीं होगी।”
कला शिक्षक रौशन राय ने अपने संबोधन में इस विदाई को एक “अपूर्णीय क्षति” बताया। उन्होंने कहा कि “हम सभी ने मिलकर इस विद्यालय को अन्य विद्यालयों से अलग और सृजनात्मक शक्ति प्रदान किया था।” सामाजिक विज्ञान शिक्षिका अर्चना कुमारी और प्रतिमा कुमारी ने भी अपने सबसे करीबी शिक्षिका संगीता जी की विदाई को “असहनीय पीड़ा” बताते हुए अपने दुख को व्यक्त किया। शिक्षिकाओं अर्पिता यादव, रिंकल कुमारी, पिंकी कुमारी, रविनंदनी, रिंकी कुमारी, प्रीति कुमारी ने भी अपने संबोधन में विदाई को मौलिक एहसास से जोड़ा, जिससे सभी की आंखें नम हो गईं। शिक्षिका अंशिका कुमारी, रेणु कुमारी, और इंदु यादव ने कहा कि “अब केवल यादें शेष रह जाएंगी।”
तीनों शिक्षकों को बारी-बारी से अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार, सुनित त्रिपाठी, शुभांशु कुमार, नीरज कुमार, प्रमोद कुमार, सिकंदर कुमार, और चर्चिल टैगोर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का विधिवत संचालन सुश्री प्रीति कुमारी ने किया, जिन्होंने कहा, “आप सभी विद्यालय की रीढ़ जैसे थे, आज हम सभी खुद को बहुत असहज पा रहे हैं।”
तीनों शिक्षकों ने अपने संबोधन में सभी का आभार व्यक्त किया और विश्वास दिलाया कि वे जहां भी जाएंगे, प्रोजेक्ट बालिका चरपोखरी को कभी नहीं भूलेंगे। अंत में, अर्चना कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर ढेरों शिक्षाविद् और छात्राएं, जिनमें मुख्य रूप से गुड़िया कुमारी, रागिनी कुमारी, ज्योति कुमारी, सुरभि कुमारी, शगुन, बेबी कुमारी, और मीना देवी उपस्थित थीं।


