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पटना में दिल दहला देने वाली घटना: दो बच्चों की मौत, हादसा या साजिश?

ByBinod Anand

Jul 31, 2025

टना: बिहार की राजधानी पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। नगवां गांव में एक घर में आग लगने से दो मासूम बच्चों – 12 साल की अंजलि और 8 साल के अंश – की जिंदा जलकर मौत हो गई। शुरुआती तौर पर इसे एक दुखद हादसा माना गया था, लेकिन अब यह मामला एक सोची-समझी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

मृतक बच्चों के पिता लालन कुमार गुप्ता ने इस घटना को सीधे तौर पर हत्या करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ दबंगों ने उनके बच्चों को घर में घुसकर जिंदा जला दिया। हालांकि, उनके और उनकी पत्नी शोभा देवी के कार्यस्थल को लेकर विरोधाभासी जानकारी सामने आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि घटना के समय दोनों ही घर पर मौजूद नहीं थे। बच्चों के शव पलंग पर जले हुए मिले, जिससे पता चलता है कि आग घर के भीतर ही लगी थी।

ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस पर सवा

इस घटना के बाद, ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। उन्होंने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और हंगामा किया। ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि यह कोई सामान्य आग नहीं थी, बल्कि बच्चों को पेट्रोल डालकर जानबूझकर जलाया गया है। फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने भी घटना स्थल का दौरा किया और कहा कि यह हत्या का मामला लगता है। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए, क्योंकि घटना की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस के देर से पहुंचने से लोगों में नाराजगी है।

जांच में जुटी पुलिस, फॉरेंसिक टीम मौके पर

फुलवारी शरीफ के अनुमंडल पदाधिकारी (SDPO) दीपक कुमार ने भले ही शुरुआती तौर पर इसे आग लगने से हुई मौत बताया हो, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) और डॉग स्क्वायड की टीमों को भी मौके पर बुलाया गया है। यह साफ संकेत देता है कि पुलिस भी इसे सिर्फ एक दुर्घटना नहीं मान रही है।

न्याय की मांग

ह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या यह वास्तव में पारिवारिक दुश्मनी का नतीजा है या इसके पीछे कोई और गहरा राज छिपा है? जब तक फॉरेंसिक रिपोर्ट और पुलिस जांच के नतीजे नहीं आते, तब तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। हालांकि, बच्चों को जिंदा जलाए जाने के आरोप और घटना स्थल की परिस्थितियां एक सुनियोजित अपराध की ओर इशारा करती हैं। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए, पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करनी होगी। इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और समाज में बढ़ते अपराध की प्रवृत्ति पर चिंता जताई है। यह देखना बाकी है कि पुलिस इस मामले की गुत्थी कैसे सुलझाती है और दोषियों को सजा दिला पाती है या नहीं।

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