चेन्नई : वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. बीला राजेश का बुधवार को 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कुछ समय से वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण उपचाराधीन थीं। उनके निधन की खबर से तमिलनाडु ही नहीं बल्कि झारखंड प्रशासनिक सेवा जगत में भी शोक की लहर है, क्योंकि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर में झारखंड में उल्लेखनीय काम किया था और बाद में तमिलनाडु के प्रशासन में अपनी अलग पहचान बनाई।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. बीला राजेश का जन्म वर्ष 1969 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में हुआ था। वह एक प्रतिष्ठित परिवार से थीं। उनके पिता एल. एन. वेंकटेशन तमिलनाडु पुलिस के पूर्व डीजीपी रह चुके थे और उनकी मां रानी वेंकटेशन कांग्रेस की सक्रिय नेत्री रहीं।
पारिवारिक माहौल से उन्हें सेवा और जिम्मेदारी की प्रेरणा मिली। मेडिकल शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा को अपने करियर के रूप में चुना और 1997 बैच की आईएएस अधिकारी बनीं।
प्रशासनिक करियर की शुरुआत
बीला राजेश ने अपने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत चेंगलपट्टू में बतौर उप-कलेक्टर से की। तत्पश्चात उन्हें झारखंड कैडर आवंटित किया गया, जहां उन्होंने उल्लेखनीय प्रशासनिक सेवाएं दीं। फरवरी 2004 से अप्रैल 2007 तक उन्होंने धनबाद जिले की पहली महिला उपायुक्त (डीसी) के रूप में कार्यभार संभाला।इस अवधि में बीला राजेश ने धनबाद के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें कीं।
विशेष रूप से उन्होंने जिले की पेयजल समस्या के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए। स्थानीय स्तर पर उनकी सक्रियता और संवेदनशीलता को जनता ने सराहा। उन्होंने विकास योजनाओं की पारदर्शी मॉनिटरिंग करते हुए प्रशासनिक सेवा को आमजन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
तमिलनाडु प्रशासन में भूमिका
बाद में वह तमिलनाडु कैडर में स्थानांतरित हुईं और यहां विभिन्न महत्त्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला। उन्होंने मत्स्य पालन, कपड़ा, वाणिज्यिक कर और आपदा प्रबंधन जैसे विभागों में उत्कृष्ट कार्य किया। उनकी कार्यशैली में योजनाओं के क्रियान्वयन की सूझबूझ और जमीनी स्तर की गहरी समझ झलकती थी।
कोविड-19 महामारी में नेतृत्व
2020 में जब कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था, तब डॉ. बीला राजेश तमिलनाडु की स्वास्थ्य सचिव के रूप में कार्यरत थीं। इस चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करते हुए जनता को सुरक्षा का भरोसा दिया। उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने कई अहम फैसले लिए, जिनमें कोविड टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाना, अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा जनता के बीच जागरुकता फैलाना शामिल था। उस कठिन समय में उनका शांत और दृढ़ नेतृत्व तमिलनाडु सरकार की सफलता का आधार माना गया।
स्मृतियां और विरासत
डॉ. बीला राजेश अपने समर्पण और निष्ठा के कारण प्रशासनिक सेवा की एक मिसाल मानी जाती हैं। ऊर्जावान व्यक्तित्व और नागरिकों के प्रति उनका संवेदनशील रवैया उन्हें अलग पहचान दिलाता रहा। धनबाद में उनके कार्यकाल को आज भी लोग याद करते हैं, वहीं तमिलनाडु में कोविड महामारी के दौरान दिया गया उनका प्रशासनिक नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
55 साल की उम्र में उनका इस तरह चला जाना प्रशासनिक सेवा के लिए बड़ी क्षति है। सहकर्मी अधिकारी और जनप्रतिनिधि उन्हें एक कुशल प्रशासक, संवेदनशील इंसान और कठिन परिस्थितियों में भी दृढ़ बने रहने वाली अधिकारी के रूप में हमेशा याद करेंगे।