झारखंड के बोकारो स्थित मेडिकेंट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कैंसर के उपचार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने राज्य में पहली बार उच्च खुराक दर (HDR) इंटरस्टिशियल ब्रैकीथेरेपी प्रत्यारोपण क़ो सफलतापूर्वक संपन्न किया है, जो कैंसर रोगियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है
(बोकारो प्रतिनिधि)
झारखंड के बोकारो स्थित मेडिकेंट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कैंसर के उपचार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने राज्य में पहली बार उच्च खुराक दर (HDR) इंटरस्टिशियल ब्रैकीथेरेपी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न किया है, जो कैंसर रोगियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया
बोकारो: झारखंड के बोकारो स्थित मेडिकेंट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने कैंसर के उपचार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने राज्य में पहली बार उच्च खुराक दर (HDR) इंटरस्टिशियल ब्रैकीथेरेपी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न किया है, जो कैंसर रोगियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। यह अत्याधुनिक तकनीक विशेष रूप से महिला कैंसर, जैसे गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल कैंसर) के उपचार में अत्यंत प्रभावी साबित हुई है, जिससे स्थानीयकृत कैंसर का अधिक सटीकता और कम साइड इफेक्ट्स के साथ इलाज संभव हो पाता है।
अत्याधुनिक तकनीक का सफल प्रयोग
एचडीआर इंटरस्टिशियल ब्रैकीथेरेपी एक उन्नत विकिरण उपचार विधि है जिसमें रेडियोधर्मी स्रोत को सीधे ट्यूमर के पास शरीर के भीतर प्रत्यारोपित किया जाता है। इस विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह कैंसरग्रस्त क्षेत्र को अत्यधिक केंद्रित विकिरण प्रदान करती है, जबकि आसपास के स्वस्थ ऊतकों को न्यूनतम नुकसान होता है। पारंपरिक बाहरी विकिरण थेरेपी की तुलना में, यह विधि विकिरण की खुराक को ट्यूमर तक सीमित रखने में मदद करती है, जिससे उपचार की प्रभावशीलता बढ़ जाती है और रोगी को होने वाले दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में, एक छोटा, रेडियोधर्मी स्रोत (आमतौर पर इरिडियम-192) को प्लास्टिक कैथेटर या सुइयों के माध्यम से ट्यूमर के अंदर या उसके बहुत करीब अस्थायी रूप से रखा जाता है। यह स्रोत कुछ मिनटों के लिए विकिरण उत्सर्जित करता है और फिर हटा लिया जाता है, जिससे उपचार सत्र के बाद कोई रेडियोधर्मी सामग्री रोगी के शरीर में नहीं रहती।
विशेष रूप से महिला कैंसर में प्रभावी
मेडिकेंट हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने बताया कि यह तकनीक विशेष रूप से उन मामलों में वरदान साबित होगी जहां ट्यूमर शरीर के भीतर गहराई में स्थित हैं और सर्जरी या बाहरी विकिरण से पूरी तरह से इलाज करना मुश्किल होता है। गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर में, यह विधि ट्यूमर के समीप रेडियोधर्मी स्रोत को सटीक रूप से स्थापित करके कैंसर कोशिकाओं को सीधे और प्रभावी ढंग से नष्ट करती है। यह न केवल उपचार की सफलता दर को बढ़ाता है, बल्कि गर्भाशय को संरक्षित करने में भी मदद कर सकता है, जो युवा महिला रोगियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
इसके अलावा, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और सिर और गर्दन के कैंसर सहित अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज में भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
मेडिकेंट हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम का सराहनीय कार्य
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को साकार करने में मेडिकेंट हॉस्पिटल की डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने सराहनीय भूमिका निभाई। इस टीम का नेतृत्व डॉ. फिराना रूजीना (विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट) और डॉ. टी. एम. सिंह (रेडियोलॉजिस्ट) ने किया, जिनके मार्गदर्शन में मेडिकल फिजिसिस्ट डॉ. आलोक कुमार और उनकी कुशल टीम, जिसमें शालिनी और सपना जैसे समर्पित सदस्य शामिल हैं, ने इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस टीम की विशेषज्ञता और अथक प्रयासों ने झारखंड में कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
मेडिकेंट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने इस पहल के साथ यह सिद्ध किया है कि वे झारखंड के लोगों को विश्व स्तरीय कैंसर उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सफल ब्रैकीथेरेपी प्रत्यारोपण न केवल अस्पताल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि पूरे क्षेत्र के कैंसर रोगियों के लिए आशा की एक नई किरण है, जिन्हें अब उच्च गुणवत्ता वाले, अत्याधुनिक उपचार के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।