गम्हरिया: अंचल के आनंदपुर मौजा में निर्माणाधीन वाटर मार्क प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग सकता है. सूत्रों के अनुसार अंचल कार्यालय द्वारा उक्त भूखंड की जांच की गई थी. जिसमें कई सारे राज खुले हैं. अंचल कार्यालय के रिपोर्ट में प्रोजेक्ट द्वारा सरकारी अनाबाद बिहार सरकार, बांध और अनाबाद सर्वसाधारण जमीन का करीब 1.92.81 एकड़ जमीन कब्ज़ा करने का खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि बिल्डर द्वारा प्रोजेक्ट के गेट में खाता संख्या 104, प्लॉट संख्या 29/ पी में 0.44 डिसमिल और प्लॉट संख्या 64/ पी में 1.37 डिसमिल कुल 1.81 डेसिमल जमीन पर अवैध कब्ज़ा किया गया है. वहीं प्रोजेक्ट के चाहर दीवारी के अंदर खाता संख्या 104, प्लॉट संख्या 64/ पी में 10 डिसमिल, 63/ पी में 58 डिसमिल, खाता संख्या 103 के प्लॉट संख्या 43/ पी में 1.18 एकड़ और खाता संख्या 44/ 674 में 0.02 एकड़ कुल 1.88 एकड़ जमीन जो अनाबाद बिहार सरकार की जमीन है पर कब्ज़ा किया गया है. इसी तरह सरकारी रास्ता के खाता संख्या 104 के प्लाट संख्या 27 पी में 2.00 डेसिमल और 28 पी में 1.00 डेसिमल कुल 3 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्ज़ा किए जाने का खुलासा हुआ है.
अंचल कार्यालय ने जांच रिपोर्ट एसडीओ को सौंप दिया है. दरअसल यह जांच एसडीओ पारुल सिंह के निर्देश पर ही किया गया है. एसडीओ को मिले शिकायत के अलोक में एसडीओ पारुल सिंह ने जांच का आदेश दिया था. अब इसपर एसडीओ का क्या रुख होता है इसपर जनता की नजर रहेगी. हालांकि यह एक गंभीर मामला है. तत्कालीन सीओ मनोज कुमार ने उक्त प्रोजेक्ट के घेराबंदी पर रोक लगायी थी. मगर कुछ दिन बाद बिल्डरों ने न केवल उक्त भूखंड की घेराबंदी करा ली, बल्कि पूरे तामझाम से प्रोजेक्ट की पिछले दिनों लॉन्चिंग कर दी. जिसमें ग्राहकों को कई सब्जबाग दिखाए गए हैं. उन ग्राहकों को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यदि एसडीओ ने जमीन पर 144 लगा दिया तो प्रोजेक्ट पर ही ग्रहण लग सकता है. वैसे अहम सवाल यह है कि आखिर रोक के बाद भी बिल्डर द्वारा कैसे सरकारी जमीन को कब्जा किया गया ? किसने बिल्डरों को सह दिया ! ये जांच का विषय है.
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