
चले तीर पर तीर : राहुल गांधी के लाल रंग वाले संविधान पर सियासी पारा हाई, भाजपा ने लगाया संविधान का अपमान करने का आरोप, महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक हो रही संविधान की चर्चा
नई दिल्ली : संविधान खतरे में है, संविधान को बचाना है। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेता देश की जनता के सामने ये गुहार लगा रहे थे। इस मुद्दे के दम पर कांग्रेस की सीटों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी भी देखने को मिली। संविधान के मुद्दे से मिलने वाला चुनावी फायदा अन्य सियासी दलों को भी आकर्षित कर रहा है। शायद यही वजह है कि बीजेपी भी कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है। महाराष्ट्र और झारखंड की चुनावी रैलियों में अब बीजेपी, कांग्रेस पर संविधान को खत्म करने का आरोप लगा रही है। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस बाबा साहब के संविधान को खत्म करना चाहती है। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है।
कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कांग्रेस के लोग संविधान के नाम पर अपनी एक अलग लाल किताब बंटवा रहे हैं। कांग्रेस की लाल किताब पर ऊपर तो लिखा है- भारत का संविधान! लेकिन लोगों ने जब भीतर से खोला तो पता चला कि लाल किताब कोरी है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान के नाम पर लाल किताब छपवाना, उसमें से संविधान के शब्दों को हटाना, ये संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच का नमूना है। ये कांग्रेस वाले देश में बाबा साहब का नहीं बल्कि अपना अलग ही संविधान चलाना चाहते हैं। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब के संविधान के साथ सबसे पहला विश्वासघात कश्मीर में किया था। पूरे देश ने बाबा साहब के संविधान को स्वीकार किया। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल 370 के जरिए कश्मीर में अलग विधान चलाया।
कश्मीर में हमारे तिरंगे की जगह अलग झंडा चलाया
कश्मीर में हमारे तिरंगे की जगह अलग झंडा चलाया। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के दलितों को उनके कोई अधिकार नहीं दिए। कश्मीर इतने दशकों तक आतंकवाद की आग में जलता रहा, वहां अलगाववाद फलता-फूलता रहा। देश को पता भी नहीं चलने दिया कि इस देश में 75 साल तक 2 संविधान चले।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शनिवार को झारखंड की छतरपुर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जनसभाओं में संविधान के नाम पर लाल कवर वाली जो किताब लहराते हैं, उसमें ऊपर भले भारत का संविधान लिखा है, लेकिन उसके पन्ने कोरे हैं। वह नकली किताब दिखाते हैं। यह भारत के संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान है। शाह ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण और संविधान की बात करती है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा खिलवाड़ वही करती है। संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हिस्सा काटकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है, लेकिन जब तक भारतीय जनता पार्टी है, यह नहीं होने दिया जाएगा।
कहां से उठी चिंगारी ?
दरअसल, राहुल गांधी गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए नागपुर पहुंचे थे। उन्होंने संविधान सम्मान सम्मेलन में भाग लिया और संविधान पर अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने कहा था कि बाबा साहेब आंबेडकर की ओर से रचित संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि जीने का तरीका है। उन्होंने जातिगत जनगणना, ओबीसी आरक्षण और संविधान की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इस दौरान एक लाल रंग की किताब बांटी गई जिस पर संविधान लिखा था, लेकिन वह अंदर से खाली थी। इसके बाद से ही बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है।
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