
उत्तरकाशी (उत्तराखंड): अपने एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पीएम मोदी ने उत्तकाशी में मां गंगा के शीतकालीन स्थल मुखबा में पूजा अर्चना की. इसके बाद पीएम ने हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित किया. इस जनसभा में पीएम ने उत्तराखंड में टूरिज्म के विकास पर बात की. यहां उन्होंने पर्यटन के विकास के लिए केंद्र और धामी सरकार की दूरदर्शी योजनाओं को जनता के सामने रखा. वहीं पीएम मोदी ने उत्तराखंड के उन गांवों के विकास की बात भी कही जो सीमा से सटे हैं और जिनके बारे में शायद कम ही लोग जानते हैं.
पीएम ने याद दिलाया 1962 भारत-चीन युद्ध:
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि माणा और जादुंग गांव में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर नए सिरे से विकसित हो रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि-
देशवासियों को पता होगा या शायद पता नहीं भी होगा जब चाइना ने भारत पर हमला किया तब ये हमारे जादुंग गांव को खाली करा दिया गया था.
हमारे दो गांव खाली करा दिए गए थे, 60-70 साल हो गए लोग भूल गए. हम नहीं भूल सकते.
उन्होंने कहा- हमने इन दो गांवों को फिर से बसाने का अभियान चलाया है यह बहुत बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं, और इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या इस एक दशक में तेजी से बढ़ी है.
बता दें, 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय उत्तराखंड के गांव जादुंग और नालंग को खाली करा दिया गया. जो अरसे से वीरान पड़े हैं. आज पीएम मोदी ने इन दोनों गांवों का जिक्र किया और इनके विकास की बात कही.
कहां है जादुंग और नालंग गांव:
ये दोनों गांव उत्तराखंड में भारत चीन सीमा से सटे हुए हैं. 1962 भारत चीन युद्ध के दौरान इन्हें खाली करा दिया गया था. 1962 से पहले उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित नेलांग गांव में करीब 40 परिवार और जादुंग गांव में करीब 30 परिवार रहा करते थे, जिनकी मुख्य आजीविका खेती और भेड़पालन था. 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान सेना ने नेलांग और जादुंग को खाली कराया, जिसके बाद इन गांवों में कभी रिहाइश नहीं देखी गई. यहां के ग्रामीणों ने बगोरी और डुंडा में शरण ली. ये भी बता दें कि धामी सरकार ने इन दोनों गांवों में विकास के लिए पहले ही कवायद शुरू कर दी है.
कहां है वो गांव जिन्हें भारत चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया: ये दोनों गांव उत्तरकाशी जिले में हैं. पीएम मोदी जिस हर्षिल घाटी से जनसभा को संबोधित कर रहे थे, वहां से जादुंग गांव 56 किमी की दूरी पर है. जबकि नेलांग गांव हर्षिल से 19 किलोमीटर दूर पड़ता है. हालांकि, पीएम ने अपने भाषण के दौरान नेलांग का नाम नहीं लिया. नेलांग गांव से जादुंग की दूरी 16 किमी है. पीएम ने भाषण के दौरान दो गांवों का जिक्र किया. जिनमें उन्होंने जादुंग का नाम लिया लेकिन नेलांग नहीं कहा.
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