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हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने सदन में वकीलों की समस्याओं को लेकर सरकार से की ठोस कदम उठाने की मांग

ByBiru Gupta

Mar 4, 2025

 

हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने झारखंड विधानसभा के सत्र के दौरान राज्यभर के वकीलों की समस्याओं को गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि झारखंड में 36 बार एसोसिएशन कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 35,000 से अधिक वकील न्यायिक प्रक्रिया में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन वकीलों का योगदान प्रशासनिक व न्यायिक तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में अतुलनीय है, लेकिन इनके कार्यस्थलों पर मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। विधायक प्रदीप प्रसाद ने सदन में इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि झारखंड राज्य के अधिकांश बार एसोसिएशन परिसरों में आधारभूत संरचना और आधुनिक सुविधाओं की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वकीलों को अपने कार्यस्थल पर बुनियादी सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे उनके कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने बताया कि कई बार एसोसिएशन परिसरों में पेयजल, शौचालय, वाई-फाई, पुस्तकालय, वातानुकूलित सुविधाएं बैठने की उचित व्यवस्था, सुरक्षा एवं पार्किंग जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। इसके अलावा, कई बार एसोसिएशनों में वकीलों के लिए चैंबर तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जिससे उन्हें असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। प्रदीप प्रसाद ने सदन में यह भी माँग की वकीलों के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को राज्य में शीघ्र लागू किया जाए ताकि वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने सरकार से माँग की झारखंड के वकीलों को भी जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और आकस्मिक दुर्घटना बीमा जैसी योजनाओं का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि वकील पूरे जीवन जनता को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते हैं, लेकिन उनके स्वयं के हितों की रक्षा के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। विधायक प्रदीप प्रसाद ने सरकार से आग्रह किया कि राज्य के सभी बार एसोसिएशन परिसरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए और इसके लिए एक निश्चित बजट आवंटित किया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक वकीलों को बेहतर कार्य वातावरण नहीं मिलेगा, तब तक वे न्यायिक प्रक्रिया में प्रभावी योगदान नहीं दे पाएँगे। उन्होंने सरकार से माँग की बार एसोसिएशनों के विकास के लिए एक विशेष अनुदान योजना बनाई जाए, जिससे वकीलों को आधारभूत संरचना और आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। प्रदीप प्रसाद ने सरकार से अपील की वह इस विषय को गंभीरता से लेते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेती है तो इससे राज्य के 35,000 से अधिक वकीलों को न केवल सुविधा मिलेगी, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया भी अधिक प्रभावी होगी।


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