जीवन में कठिन संघर्ष कर गोविंदपुर में न्यू खालसा होटल को एक ब्रांड बनाने वाला, सिर्फ राज्य हीं नहीं देश भर में इस होटल को एक ऐसा पहचान देने वाला सरदार गुरुचरण सिंह उर्फ़ शेरा सिंह की पत्नी बलबंत कौर नहीं रही, लुधियाना हेवन प्लेस बृद्धा आश्रम में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया.
कुछ दिन पूर्व उन्होंने खालसा होटल और गोविंदपुर में अर्जित सम्पति बेच कर लुधियाना चले गए थे. यहां से उनका दो पुत्र, और पुत्रबधु भी साथ गए थे. इसके वाबजूद वे उन्हें बृद्धा आश्रम में क्यों रहना पड़ रहा था इसकी बिस्तृत जानकारी तो नहीं है लेकिन वे गोविंदपुर छोड़ कर जाने के बाद पूरी तरह टूट चुके थे.
जिस समय वे यहां से सब बेच कर गए थे उस समय उनके चेहरे की पीड़ा बता रही थी कि वे नहीं चाहते हुए भी यहां से जा रहे हैं. उनके आँख के आंसू, और यहां के लोगों के अंदर भी पीड़ा था.
गुरु चरण सिंह के पिता मल्लिक सिंह भारत -पाक विभाजन के बाद रावल पिंडी से भारत आये और यूपी बंगाल में भी कुछ दिनों तक रहे उसके बाद उन के खालसा होटल खरीद कर न्यू खालसा होटल के नाम से इस होटल को नया स्वरूप दिया.
पहले यह होटल एक डाबा था जिसे फैमली रेस्टुरेंट में तब्दील कर उन्होंने अपने प्रबंधकीय क्षमता से इसे लजीज भोजन, और व्यंजन के लिए प्रसिद्ध कर दिया, आस पास इस होटल के कारण बहुत सारे दुकान, होटल और अन्य व्यवसाय खुल गए.
गुरुचरण सिंह की देंन है कि यह क्षेत्र इतना विकसित हो गया. वे व्यवसाय के साथ समाज सेवा, लोगों को सहायता करना, कई जगह मंदिर, मुक्तिधाम और कई सामाजिक कार्य किये.
यहां काफी सम्पन्न थे और अपने परिश्रम से धन कमाया, लेकिन अंततः बृद्धा आश्रम में वे अपने जीवन के अंतिम दिन में रहने लगे. बल्बन्त कौर गुरुचरण सिंह की मज़बूत सहारा थी उसके निधन से वे बुरी तरह टूट चुके होंगे.बलबंत कौर के निधन से गोविंदपुर में भी उन्हें जानने वाले मर्महत हैं.
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