
धनबाद : पोइला बैसाख… यानी बांग्ला कैलेंडर के नए साल का पहला दिन। बंगाली समुदाय ने रविवार को उत्साह व उमंग के साथ नए साल का स्वागत किया। पूजा अर्चना के साथ नए साल की शुरुआत हुई।
शहर भर में विशेषकर महिलाओं ने प्रभात फेरी निकाली। सफेद-लाल पाड़ की साड़ी पहनकर और जुड़े में सुंगधित फूल डालकर पांरपरिक गीतों पर नृत्य करती हुई महिलाओं ने नगर भर में शोभा यात्रा निकाली। ऐशो हे बैसाख एशो-एशो तापशो नि:शासो बाए, मुमुर्षर दाओ उड़ाएन (अर्थात, हे वैशाख का महीना, तुम आओ, अपनी गर्म हवा से सभी विकार को उड़ा कर ले जाओ) जैसे पारंपरिक गीत गुंजायमान हुए।
एक दूसरे को शुभो नोबो बोरसो कहकर नए साल की शुभकानाएं दी। नगर की सड़कों पर अल्पना बनाकर नए साल के आगमन की खुशियां प्रकट की और पूरे शहर को नए साल की शुभकांनाए दी। इस अवसर पर पूरा शहर बांग्ला नव वर्ष का स्वागत नई उत्साह, उमंग और हर्षोल्लास के साथ किया।
*पूजा अर्चना से की दिन की शुरुआत :*
पोइला वैशाख पर पूजा अर्चना कर बंगाली समाज ने नववर्ष का स्वागत किया। सुबह से ही हीरापुर दुर्गा मंदिर, हरि मंदिर, नेपाल काली मंदिर, कोयला नगर आद्या काली मंदिर, पुराना बाजार काली मंदिर सहित अन्य मंदिरों में लोगों की भीड़ रही। नूतन वस्त्र धारण कर नववर्ष पर रोसोगुल्ला, संदेश, मिष्ठी दोई, पाइस और माछ जैसे पकवान घर-घर बने। वहीं वर्ष के पहले दिन बंगाली समाज के व्यापारियों ने पूजा अर्चना के बाद बीते साल का लेखा-जोखा किया।
जेसी मल्लिक से निकली प्रभात फेरी : बंगाली कल्याण समिति की ओर से जेसी मल्लिक से एक सुंदर प्रभातफेरी निकाली गई। पारंपरिक परिधानों से सजी महिलाएं युवतियां, बच्चियां प्रात: आठ बजे जेसी मल्लिक रोड से निकलकर सांस्कृत कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए प्रभात फेरी में हीरापुर दुर्गा मंदिर, पार्क मार्केट, बाजार समिति और शक्ति मेडिकल होते हुए हरि मंदिर में पहुंची। इस दौरान जगह – जगह प्रभातफेरी का स्वागत किया गया और नववर्ष की बधाई दी गई।
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