
रांची: झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई ‘मंईयां सम्मान योजना’ हाल ही में चर्चा का विषय बनी है। इस योजना के तहत, राज्य की महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। हालांकि, हाल के दिनों में हजारों महिलाओं के नाम इस योजना की लाभार्थी सूची से हटाए गए हैं, जिससे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
योजना का उद्देश्य और लाभनाम हटाने का कारण
सत्यापन प्रक्रिया
योजना से बाहर होने वाली महिलाओं की प्रतिक्रिया
सरकार का रुख
आवेदन और शिकायत प्रक्रिया
योजना का उद्देश्य और लाभ
‘मंईयां सम्मान योजना’ का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी आजीविका सुधार सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के तहत, पात्र महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 की राशि दी जाती है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होती है।
नाम हटाने का कारण
हाल ही में, सरकार ने योजना की लाभार्थी सूची की समीक्षा की, जिसमें पाया गया कि कई महिलाएं अपात्र थीं या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाभ ले रही थीं। उदाहरण के लिए, लातेहार जिले में 42,432 महिलाओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, क्योंकि वे पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थीं।
इसी प्रकार, पलामू जिले में दिसंबर 2024 तक 3,72,937 महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही थीं, लेकिन मार्च 2025 में यह संख्या घटकर 2,85,161 रह गई। यह कमी इसलिए हुई क्योंकि 88,000 महिलाओं के डाटा में डुप्लीकेसी पाई गई थी, जिससे उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया।
सत्यापन प्रक्रिया
सरकार ने लाभार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन और आधार सीडिंग का कार्य शुरू किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में बताया कि अब तक 40 लाख महिलाओं का सत्यापन हो चुका है, और जिनका सत्यापन पूरा हो गया है, उनके खातों में होली से पहले राशि भेजी जाएगी।
योजना से बाहर होने वाली महिलाओं की प्रतिक्रिया
योजना से बाहर हुई महिलाओं में नाराजगी और असंतोष देखा जा रहा है। कई महिलाओं का कहना है कि उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए थे और वे पात्र थीं, फिर भी उनके नाम सूची से हटा दिए गए। वे सरकार से पुनः जांच की मांग कर रही हैं ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
सरकार का रुख
सरकार का कहना है कि योजना का लाभ केवल पात्र महिलाओं को ही मिलना चाहिए। फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लाभ लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सरकार ने आश्वासन दिया है कि सत्यापन प्रक्रिया में किसी भी वास्तविक लाभार्थी के साथ अन्याय नहीं होगा, और यदि कोई गलती से बाहर हो गया है, तो उसकी पुनः जांच की जाएगी।
आवेदन और शिकायत प्रक्रिया
यदि किसी महिला का नाम योजना से हटाया गया है और वह मानती हैं कि यह गलत है, तो वे निम्नलिखित कदम उठा सकती हैं
अपने जिले के समाज कल्याण विभाग या संबंधित कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करें।
यदि ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का प्रावधान है, तो उसका उपयोग करें और अपनी समस्या बताएं।
अपने क्षेत्र के विधायक या सांसद से मिलकर अपनी समस्या उनके सामने रखें, ताकि वे इसे उच्च स्तर पर उठा सकें।
There is no ads to display, Please add some
Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com


