अमरावती। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी ने गुरुवार को अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान बिजली खरीद के लिए अदाणी समूह की ओर से आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अमेरिकी अदालत के अभियोग में उनका नाम कहीं भी नहीं था, यह सब अफवाह है और किसी ने यह नहीं कहा है कि मैंने या किसी और ने रिश्वत ली है।
विवाद शुरू होने के कुछ दिनों बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में रेड्डी ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बार अदाणी से मुलाकात की थी, जो असामान्य नहीं था। उन्होंने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘इसमें कहीं भी उल्लेख नहीं है कि मुझे रिश्वत की पेशकश की गई थी, क्योंकि कोई भी मुझे रिश्वत नहीं दे सकता है और व्यापारियों का राज्य प्रमुख से मिलना असामान्य नहीं है। वास्तव में यह एक सामान्य प्रथा है।’
अमेरिकी अदालत में लगे हैं आरोप
उन्होंने आगे कहा कि रिश्वत के आरोप सभी अफवाह हैं और किसी ने भी यह नहीं कहा है कि जगन या किसी और ने रिश्वत ली है। गौरतलब है कि अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग ने अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंधों के बदले भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन अमरीकी डॉलर की रिश्वत देने के मामले में उनकी कथित भूमिका को लेकर आरोप लगाया है। हालांकि समूह ने इस आरोप का खंडन किया है।
जगन ने कहा कि वह कुछ स्थानीय दैनिकों के खिलाफ कथित तौर पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और कहानियां प्रकाशित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ बिजली आपूर्ति समझौते से राज्य को 25 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।
समझौते में नहीं था कोई तीसरा पक्ष: जगन
उन्होंने कहा कि समझौता एपी डिस्कॉम और एसईसीआई के बीच था और इसमें कोई तीसरा पक्ष नहीं था। इससे पहले भी, विपक्षी वाईएसआरसीपी ने कहा था कि उनकी सरकार का अदाणी समूह के साथ कोई सीधा समझौता नहीं है और 2021 में हस्ताक्षरित बिजली बिक्री समझौता एसईसीआई और एपी डिस्कॉम के बीच था। पिछले सप्ताह कहा गया था कि नवंबर, 2021 में एपी विद्युत नियामक आयोग द्वारा 7,000 मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद एसईसीआई और एपी डिस्कॉम के बीच 1 दिसंबर, 2021 को बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
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