नई दिल्ली। विश्व भर में भारत में निर्मित हथियारों की धूम है। इस बीच खबर है कि फिलीपींस के बाद इंडोनेशिया चीन का दूसरा पड़ोसी हो सकता है जिसके पास भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता हो। ऐसा इसलिए क्योंकि इंडोनेशिया भी इस ब्रह्मोस मिसाइल का मुरीद हो चुका है।
दरअसल, भारत और इंडोनेशिया की सरकारों के बीच काफी लंबे अरसे से बातचीत चल रही थी, लेकिन अब वार्ता दूसरे स्तर पर पहुंच गई है। शुरूआत में ब्रह्मोस की कीमत को लेकर चिंतित इंडोनेशियाई सरकार का रक्षा मंत्रालय इस पर बात करने को तैयार हो गया है।
*भारत ने दिया आश्वासन*
जानकारी दें कि भारत की तरफ से भी इंडोनेशियाई पक्ष को इस बात का पूरा आश्वासन दिया गया है कि वह इसकी कीमत को लेकर उसकी संवेदनाओं का पूरा ख्याल रखेगा। भारत बहुत ही आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी करने को तैयार है।
दोनों देशों के बीच इस बारे में बातचीत होने से राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की आगामी भारत दौरे के दौरान गंभीर विमर्श होने की संभावना बन गई है। सुबियांतो इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के राजकीय मेहमान होंगे। 1950 के बाद यह चौथा अवसर होगा जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेहमान होंगे। इंडोनेशिया के साथ भारत के बेहद पुराने सांस्कृतिक व ऐतिहासिक संबंध है।
*मलेशिया की यात्रा पर भी जाएंगे सुबियांतो*
बता दें कि हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी की सुबियांतो से द्विपक्षीय बैठक हुई थी। यहां बताते चलें कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत दौरे के बाद मलेशिया की यात्रा पर जाएंगे। हाल ही में पाकिस्तान की मीडिया में यह खबर प्रकाशित हुई थी कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत के दौरे के बाद सीधे पाकिस्तान जाएंगे। भारत की यह कूटनीति रही है कि वह विदेशी मेहमानों को अपनी जमीन से सीधे पाकिस्तान नहीं जाने का आग्रह करता है।
*पाकिस्तान नहीं जाएंगे सुबियांतो*
पूर्व में अमेरिका व खाड़ी देशों के प्रशासक भारत और पाकिस्तान का दौरा एक साथ करते थे, लेकिन भारत अब इसका विरोध करता है। संभवत: भारत के आग्रह को ध्यान में रख कर ही इंडोशनियाई राष्ट्रपति ने पाकिस्तान नहीं जाने का फैसला किया है। इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री साफरी समसोद्दीन ने हाल ही में इस बात को स्वीकार किया था कि भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर बातचीत हो रही है। रक्षा मंत्री समसोद्दीन ने यह भी कहा था कि भारत के साथ रक्षा संबंधों के कई आयाम खुलने वाले हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर, 2024 मे इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रालय से संबंधित एक उच्चस्तरीय टीम ने भारत का दौरा किया था। इस दौरान ब्रह्मोस को इंडोनेशिया के रक्षा जरूरतों के हिसाब से आंकने का काम किया गया था। सूत्रों का कहना है कि इंडोनेशिया की टीम ने ब्रह्मोस को इंडोनेशिया के लिए बिल्कुल सही करार दिया है।
*अपने वायु सेना को मजबूत करेगा इंडोनेशिया*
इंडोनेशिया अपने वायु सेना को भी मजबूत बनाने का अभियान शुरू किया है। बताते चलें कि रूस की मदद से तैयार इस मिसाइल सिस्टम को लेकर भारत की बातचीत विएतनाम से भी चल रही है। फिलीपींस, इंडोनेशिया और विएतनाम तीनों देश चीन के साउथ चीन सी में पड़ोसी देश हैं और इन तीनों के साथ चीन का विवाद चल रहा है।
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