• Tue. Mar 18th, 2025

शराब नीति के कारण हारी आम आदमी पार्टी, पैसे पर था ध्यान : अन्ना हजारे

ByBiru Gupta

Feb 8, 2025

 

नईदिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी(आप) को शराब नीति और पैसे पर ध्यान केंद्रित करने के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तथा वह लोगों की निस्वार्थ सेवा करने के अपने कर्तव्य को समझने में विफल रही.केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता ने कहा कि उम्मीदवार का चरित्र साफ होना चाहिए और उसे त्याग के गुण पता होने चाहिए.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल के बाद दिल्ली की सत्ता पर आसीन होने की ओर अग्रसर है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रूझानों और परिणामों के अनुसार, भाजपा 70 सदस्यीय विधानसभा की 47 सीट पर जबकि आम आदमी पार्टी (आप) 23 सीट पर आगे है.

आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा से हार स्वीकार कर ली है, जबकि पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को नयी दिल्ली सीट से हार का सामना करना पड़ रहा है.

वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं से कहा कि शराब नीति के मुद्दे के साथ पैसा आया और वे उसमें डूब गए. आम आदमी पार्टी की छवि खराब हुई. लोगों ने देखा कि वह(अरविंद केजरीवाल) पहले स्वच्छ चरित्र की बात करते हैं और फिर शराब नीति की.
हजारे ने कहा कि आम आदमी पार्टी इसलिए हारी क्योंकि वह लोगों की निस्वार्थ सेवा करने की जरूरत को समझने में विफल रही और उसने गलत रास्ता अपना लिया. केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद हुई थी.

हजारे ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों को लेकर कहा कि आम आदमी पार्टी इसलिए हारी क्योंकि वह निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने की जरुरत को समझने में विफल रही और उसने गलत रास्ता अपना लिया. पैसे ने सबसे आगे रहकर आप की छवि को नुकसान पहुंचाया और इसकी हार हुई.
केजरीवाल को हजारे का समर्थक माना जाता है, लेकिन 2012 में आप पार्टी के गठन के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए थे. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था.
हजारे ने कहा कि आम आदमी पार्टी के गठन के समय से ही वह राजनीति से दूर रहे. सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि मैं शुरू से ही कहता आया हूं कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार का चरित्र साफ और बेदाग होना चाहिए.

उम्मीदवार त्याग के गुणों से परिचित होना चाहिए और अपमान सहने की क्षमता होनी चाहिए. ये गुण (प्रत्याशियों में) लोगों का भरोसा जीतते हैं, जिन्हें लगता है कि उम्मीदवार उनके लिए कुछ करेगा. मैं यह कहता रहा, लेकिन वे (आम आदमी पार्टी) इसे समझ नहीं पाए. हजारे ने कहा कि जब आरोप सामने आते हैं तो लोगों को यह बताना जरूरी है कि ये आरोप गलत हैं.


There is no ads to display, Please add some
Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *