अंतर्कथा प्रतिनिधि
जमुई झाझा-: स्वास्थ्य सुविधा सरकारी अस्पताल में दिये जाने की बात की जाये तो यह आये दिन सामने आते रहता है कि स्वास्थ्य सुविधा रेफरल अस्पताल में कितना कामयाब है। सरकारी अस्पताल झाझा में मरीजों को लाने ले जाने के लिये तीन एंबुलेंस मुहैया है लेकिन दो एंबुलेंस तो ठीक है लेकिन एक ऐसा एंबुलेस है जो संध्या बेला में सावधानी पूर्वक चल रही है। कारण यह है कि एंबुलेंस में लगे लाईट काफी खराब हो चुकी है साथ ही साथ एंबुलेंस का रख-रखाव सही समय पर पूर्ण रूप से नही होने के कारण एंबुलेंस की गति भी काफी धीमी हो गई है। जर्जर स्थिति में पहुॅच चुके विंगर एंबुलेंस के चालकों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि अगर कोई इमरजेंसी काॅल आ जाता है या फिर झाझा से जमुई मरीज को इमरजेंसी में ले जाना की नौबत आ जाती है तो ऐसे में एंबुलेंस की सबसे लाईट सही रूप से नही होने के कारण धीमी गति से एंबुलेंस को चलाना पड़ता है साथ ही साथ सही रूप से एंबुलेंस का मेंटेनेस नही होने से कई अन्य तरह की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। यानि विंगर एंबुलेंस के चालक को जान जोखिम में डालकर रात्रि में इमरजेंसी सेवा देने में एंबुलेंस चलाने में जुटे हुये है।अब सवाल यह उठता है कि अगर अस्पताल में दो एंबुलेंस अगर किसी अन्य जगहों पर चला जाये और उस वक्त इमरजेंसी में किसी मरीज को जमुई सदर अस्पताल रेफर डाॅक्टर के द्वारा रात्रि में किया जाये तो उस वक्त जर्जर एंबुलेंस से मरीज को जमुई ले जाते वक्त कुछ भी हो सकता है।
क्या कहते है एंबुलेंस कंट्रोलर आॅफीसर-एससीओ पवन कुमार ने बताया कि चालक के द्वारा पूर्व में जानकारी नही दी गई अगर जानकारी दी होती तो दो दिन पूर्व एंबुलेंस को बनवाया गया था और जो भी कमी होती है उसे भी दूर कर दिया जाता। फिलहाल दो दिन में एंबुलेंस में जो भी गड़बढ़ी है उसे दूर कर दिया जायेगा।
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