
भारत के वीर सपूतों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म सन् 19 फरवरी 1630 में मराठा परिवार में हुआ।
वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था। उन्होंने दबी-कुचली हिन्दू जनता को भयमुक्त कर एक हिन्दूशाही साम्राज्य की स्थापना की थी।
छत्रपति शिवाजी महाराज को उनके अद्भुत बुद्धिबल के लिए जाना जाता था। वह पहले भारतीय शासकों में से एक थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए नौसेना बल की अवधारणा को पेश किया था। इसके अलावा सबसे खास बात ये है कि उन्होंने अपनी बटालियन में कई मुस्लिम सैनिकों को भी नियुक्त किया था।
घरेलु झगड़ों और अपने मंत्रियों के आपसी वैमनस्य के बीच साम्राज्य की शत्रुओं से रक्षा की चिंता ने शीघ्र ही शिवाजी को मृत्यु के कगार पर पहुंचा दिया। शिवाजी की 1680 में कुछ समय बीमार रहने के बाद अपनी राजधानी पहाड़ी दुर्ग राजगढ़ में 3 अप्रैल को मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके पुत्र संभाजी ने राज्य संभाल लिया।
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