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विधानसभा में अंबा प्रसाद की मांग – जिस वर्ष रैयतों को ज़मीन से विस्थापन हो उसी वर्ष को मुआवज़े का कट ऑफ डेट माना जाए

ByAdmin Office

Mar 3, 2024
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पुराने कट ऑफ से पंकरी बरवाडीह के विस्थापितों के साथ अन्याय हो रहा है, विस्थापन एवं मुआवजा का उचित लाभ नहीं मिल रहा : अंबा प्रसाद

पंकज ठाकुर

बड़कागांव । विधायक अंबा प्रसाद ने विधानसभा सदन में बड़कागांव के विस्थापित रैयतों को उचित मुआवजा एवं विस्थापन का लाभ दिलाने हेतु जिस वर्ष रैयतों को ज़मीन से विस्थापन हो उसी वर्ष को मुआवज़े का कट ऑफ डेट घोषित करने की माँग की।
विधायक ने कहा कि हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में पंकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना में एनटीपीसी कंपनी प्रबंधन द्वारा वर्ष 2016 को आधार मानकर 18 वर्ष से ऊपर के विस्थापित ग्रामीणों को मुआवजा एवं अन्य लाभ दिया जा रहा है जबकि कंपनी द्वारा लोगों को ज़मीन से विस्थापन अभी भी हो रहा।
पहले कंपनी के द्वारा मुआवाजे के लिए 2010 का कट ऑफ रखा गया। फिर कंपनी के द्वारा 2016 में खनन शुरू किया गया। कंपनी जिस स्थान पर 2016 में लोगों को विस्थापित की उनके लिए समझा जा सकता है कि 2016 का कट ऑफ हो। पर कंपनी हर साल अलग अलग जगह पर खनन शुरू करती है और लोगों को विस्थापित करती है।
इसलिए न्याय यह है कि विस्थापन करने वाले वर्ष को मुआवज़े के लिए कट ऑफ माना जाय ना की फिक्स करके 2016 को। अभी भी नये जगहों पर लोग विस्थापित हो रहे हैं पर उनको मुआवज़े का लाभ 2016 के आधार पर दिया जा रहा ना की इस वर्ष के आधार पर। इससे मुआवजा भी आज की दर से काफ़ी कम मिल रहा और ऐसे परिवार जिसमें कोई 2016 के बाद 18 वर्ष का हुआ या जिनके माता पिता 2016 के बाद गुजर गये उनको कुछ भी मुआवज़ा नहीं मिल रहा।
विधायक ने सदन के माध्यम से माँग कि जिस साल लोगों को ज़मीन से धरातल पर विस्थापित किया जा रहा उस साल को कट ऑफ माना जाय ना कि कोई एक पुराने साल को फिक्स करके।

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