माघ मास का समापन 16 फरवरी को दांडारोपिणी पूर्णिमा के साथ होगा। यह पूरा माह स्नान, दान आदि के लिए अति उत्तम माना गया है। पूरे माघ मास में पवित्र नदियों में नित्य प्रतिदिन स्नान करके दान-दक्षिणा देने का विशेष महत्व होता है।
पवित्र माघ मास का प्रारंभ 18 जनवरी से, बनेगा अनेक पर्वो का संयोग
माघ मास में लोग नदियों के तट पर रहकर कल्पवास भी करते हैं। इस माह में अनेक व्रत, पर्वो का शुभ संयोग बनेगा। माघ माह में देवी आराधना का पर्व गुप्त नवरात्र भी आएगा। गुप्त नवरात्र 2 से 10 फरवरी तक रहेगा।
18 जनवरी : सर्वार्थसिद्धि योग प्रात: 6.42 से 7.13 तक
19 जनवरी : शनि अस्त प्रात: 8.26
21 जनवरी : संकट चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि 9.13 बजे
25 जनवरी : कालाष्टमी, रामानंदाचार्य जयंती
26 जनवरी : गणतंत्र दिवस, महापात दोष
28 जनवरी : षटतिला एकादशी
29 जनवरी : शुक्र मार्गी दोपहर 2.15 से, बुध उदय पूर्व में प्रात: 9.50
30 जनवरी : प्रदोष व्रत
1 फरवरी : मौनी अमावस्या, प्रयागराज में गंगास्नान
2 फरवरी : गुप्त नवरात्र प्रारंभ, द्वितीया का क्षय
3 फरवरी : गौरी तृतीया
4 फरवरी : वरद तिलकुंद चतुर्थी, बुध मार्गी प्रात: 9.45
5 फरवरी : बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा, खटवांग जयंती
7 फरवरी : नर्मदा जयंती, रथ-आरोग्य सप्तमी
8 फरवरी : दुर्गाष्टमी, भीष्माष्टमी
10 फरवरी : गुप्त नवरात्र पूर्ण
12 फरवरी : जया एकादशी, सूर्य कुंभ राशि में रात्रि 3.26 से
13 फरवरी :भीष्म द्वादशी
14 फरवरी : प्रदोष व्रत, विश्वकर्मा जयंती
16 फरवरी : दांडारोपिणी पूर्णिमा, माघ स्नान समाप्त
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