*छत्तीसगढ़ :* छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों तक लगातार हुई झमाझम बारिश से रातों रात रायगढ़ की महानदी फिर लबालब हो गई है। महानदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नदी तट पर स्थित ऐतिहासिक प्राचीन पोरथ शिव मंदिर एक बार फिर डूब गई।
वहीं महानदी किनारे बसे गांवों में पानी भरने के कारण ग्रामीणों को आधी रात घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। जबकि खेतों में लगे धान की फसलों की स्थिति और भी खराब है। अचानक महानदी के जलस्तर बढ़ने के कारण नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों के किसानों को भारी भरकम आर्थिक नुकसान होगा।
रायगढ़ जिले के लिये पोरथ आस्था व श्रद्धा का बड़ा केन्द्र माना जाता है। सरिया के समीप महानदी के किनारे स्थित पोरथ में पुलक ऋषि का आश्रम था। ऐसे में हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर यहां विशाल मेले का आयोजन होता है।
साथ ही आसपास सहित अन्य प्रदेशों से भी लोग यहां मकर स्नान के लिए पहुंचते हैं। मानते हैं गंगा के जैसा पोरथ का एक महत्व अस्थि विसर्जन को लेकर भी है, यहां पर महानदी, मांड व एक अन्य नदी का संगम भी है इसके कारण से त्रिवेणी भी माना जाता है। ऐसे में लोग दूर-दूर से यहां पर अपने परिजनों के अस्थित विसर्जन के लिए पहंचते हैं।
जानकारी के मुताबिक, महानदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा। इससे महानदी के किनारे बसे लिप्ती, नदीगांव, तोरा समेत अनेक गांवों में नदी का पानी घूसा है।बरगांव, नौघटा, लिप्ति, पिहरा, नदीगांव, सुरसी, सूरजगढ़, रानीडीह, कोर्रा, पोरथ, तोरा, ठेंगागुड़ी, बोरिदा, लुकापारा के गांवों के खेतों में पानी घुस चुका हैं। इससे किसानों को भारी भरकम नुकसान होगा।
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