केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे का आम बजट पेश करेंगी. इससे पहले सोमवार को सीतारमण ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 को राज्यसभा के पटल पर रखा था.
नई दिल्ली आज मोदी सरकार का बजट संसद में पेश होगा . वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी. 5 राज्यों में आसन्न चुनाव को देखते हुए सरकार इस बजट के जरिये जनता को लुभाने का प्रयास करेगी.निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट है।
यूं तो आम बजट से हर वर्ग को उम्मीदें होती हैं. व्यापारी व्यापार में राहत चाहता है तो आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद रहती है. सबसे ज्यादा नौकरी-पेशा लोगों को बजट से आयकर में छूट की उम्मीद रहती है. कई बार मोदी सरकार ने अपने फैसले से लोगों को हैरान किया है.
इधर कामकाजी लोग लगातार सरकार से इनकम टैक्स में छूट की मांग कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी ये मांगें पूरी हो सकती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इस बार बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव कर टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है.
साल-2014 में हुआ था बदलाव
दरअसल, आम आदमी को आयकर में छूट मिले करीब 8 साल हो चुके हैं. मोदी सरकार ने साल 2014 में आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी. तब वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. जबकि 60 वर्ष से ज्यादा और 80 वर्ष से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई थी.
जानकार भी अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार इस बार बजट में करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है. इस राहत में मूल आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख तक करने का ऐलान हो सकता है. जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा 3 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख करने की संभावना है. यही नहीं, शीर्ष आय स्लैब को भी मौजूदा 15 लाख से ऊपर संशोधित किए जाने की संभावना है.
फिलहाल टैक्सपेयर्स के पास दो विकल्प है
हालांकि बजट- 2020 में केंद्र सरकार ने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की है. नई टैक्स व्यवस्था के तहत, टैक्स छूट और कटौती को छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं. नई टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 से 5 लाख के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है. पुरानी व्यवस्था के तहत 5 लाख से 7.5 लाख तक की पर्सनल इनकम पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है, जबकि नई व्यवस्था के तहत टैक्स की दर 10 फीसदी है. वहीं पुरानी व्यवस्था में 7.5 लाख से 10 लाख के बीच की आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जबकि नई व्यवस्था में कर की दर 15 फीसदी है.
नया आयकर स्लैब
0 से 2.5 लाख तक- 0%
2.5 से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 7.5 लाख तक-10%
7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%
10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%
12.50 लाख से 15 लाख- 25%
15 लाख ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी
पुराना आयकर स्लैब
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
बड़े उधोग घराने एवं अरब पतियों को इस बार हो सकता है कि सरकार सरचार्ज बढ़ाये, जनता को दी जाने वाली राहत से अपने घाटा को पाटने की कोशिश करे।
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