पौष महीने में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। ग्रंथों के मुताबिक इस महीने सूर्य को भग स्वरूप की पूजना चाहिए। रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है, लेकिन पौष महीने में ऐसा संयोग कम ही बनता है। इस बार 26 दिसंबर को शुक्ल पक्ष के दौरान भानु सप्तमी मनाई जा रही है। हालांकि शुक्ल पक्ष के दौरान ही मार्गशीर्ष, कार्तिक, ज्येष्ठ, फाल्गुन और माघ महीने में भानु सप्तमी मनाई जाती है। भानु सप्तमी जैसा कि नाम से विदित है यह दिन सूर्य देव को समर्पित है। प्रत्येक मास की शुक्ल पक्ष पर रविवार को पड़ने वाली सप्तमी को भानु सप्तमी मनाई जाती है। यह सूर्य सप्तमी के रूप में भी लोकप्रिय है।
भानु सप्तमी का महत्व
भानु सप्तमी उस दिन का प्रतीक माना जाता है जब भगवान सूर्य के आगमन ने सृष्टि को जीवंत कर दिया था। ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्य एक स्वर्ण रथ पर विराजमान हैं। सात घोड़े उनके रथ को खींचते हैं और ये घोड़े सूर्य की सात किरणों को दर्शाते हैं। अरुण भगवान सूर्य का सारथी हैं, जो सूर्य की चिलचिलाती गर्मी से पृथ्वी को बचाने और ढालने के लिए सामने खड़े हैं।
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