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प० बंगाल कुल्टी बराकर, सुहागिन महिलाए सहेली के साथ रंग गुलाल खेलते गणगौर माता को दी गई विदाई

ByAdmin Office

Apr 11, 2024

 

कुल्टी, शिल्पांचल में पंद्रह दिवसीय राजस्थान का लोक प्रर्व गणगौर का समापन गुरुवार को नदी में विर्सजन के साथ संपन्न हुआ। राजस्थानी पोशाक में लाल चुनड़ी ओढ़े सुहागिन महिलाए सहेली के साथ रंग गुलाल खेलते गणगौर माता को विदाई दी गई।

इस संबंध में सुहागिन पायल नेवगी ने बताया कि होलिका दहन के साथ पंद्रह दिवसीय लोक प्रर्व से पिता के घर में चहल पहल रहती हैं। पंद्रह दिन तक नवविवाहित पिता घर में रहती हैं। मां गोरी जो गणगौर के रुप में आइ हैं। उसकी पूजा शिव के जैसा वर का वरदान के लिए पूजा करती है कि भोलेनाथ का जैसा ही सरल स्वभाव का वर मिले। पंद्रह दिन तक मां गणगौर का कथा सुनी जाती है और घर में लोकगीत गाये जाते हैं।

गणगौर को कुंआ का जल पिलाने के अलावा हरी दूब से श्रंगार किया जाता हैं। बाजरा के आट्टे की पंजीरी का प्रसाद ग्रहण किया जाता हैं और घुघरी का प्रसाद वितरण किया जाता हैं। सुहागिन भाइ को और बढ़े जन को तिलक कर विपत्ति के समय साथ देने का वचन लेती हैं। गणगौर विर्सजन के साथ ही जवाइ बाबू दुल्हनिया को लेने ससुराल आ जाते हैं। जिनका नानाप्रकार के व्यंजनों से स्वागत किया जाता हैं और गणगौर के बाद बेटी की बिदाई हो जाती हैं। यह क्षण बहुत ही मार्मिक होता हैं।


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