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प्रेम की परिधि में जीवन की विडंबनाओं से सार्थक संवाद . . .

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Dec 30, 2021
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पुस्तक समीक्षक :- राजीव कुमार झा

 

पुस्तक समीक्षा : ए ग्लास आफ टाइम ( कविता संग्रह ) , कवयित्री : तेजस्विनी पाटील , आर्थर प्रेस , Q – 24 , हौज खास इनक्लेव , नयी दिल्ली 110016
981849852

काव्यशास्त्र में आत्मा को आनंदित , स्पंदित – झंकृत और चेतना को सहजता से जीवन के नैसर्गिक गुणधर्म की ओर प्रेरित करने वाले आत्मिक तत्वों की सृष्टि कविता की रचना का उद्देश्य कहा गया है और चिंतन की इस कसौटी पर संस्कृति का उदात्त स्वर और इसकी भावभूमि के रूप में लौकिक जीवन के नानाविध उपक्रमों को कविता अपने कैनवास पर जब उकेरती है तो प्रकृति , समाज , धर्म , ईश्वर , घर – आँगन के साथ संसार की तमाम प्रिय और सुंदर बातें कविता की अंतर्वस्तु को रचती – गढ़ती दिखायी देती हैं और नदी की तरह से कविता का कलकल निनाद हमारे मन को ब्रह्म के आनंद में डूबो देता है . इसे काव्य साधना का रहस्य कहा जाता है ! कवयित्री तेजस्विनी पाटील के कविता संग्रह ‘ A glass of time ‘ में संकलित सारी कविताओं को पढ़ते हुए ऐसा कहा जा सकता है !

‘ ‘ After a walk together , / We are divided / Into two silences . . . / The silence becomes / Deeper , darker / With new waves . . . / We silence them / And arrange them / In a collage . . . / Though , we wait / for new steps of ectasy / We carefully balance / The brims of our vessels . . . ( AFTER A WALK TOGETHER )

हिन्दी अनुवाद

(‘ ‘एक साथ टहलने के बाद, / हम विभाजित हैं / दो मौन में। . . / मौन हो जाता है / गहरा, गहरा / नई लहरों के साथ। . . / हम उन्हें चुप करा देते हैं / और उन्हें व्यवस्थित करते हैं / एक कोलाज में। . . / हालांकि, हम एक्टेसी के नए चरणों की प्रतीक्षा करते हैं / हम सावधानी से / अपने जहाजों के किनारों को संतुलित करते हैं। . . )

(साथ चलने के बाद)

‘ ‘ I feel your mellowed voice / near me always …/ your soft fingers / touch my shoulders / to embrace . . . / my gestures are gazed / from some space . . . / I find my heart / in you pulsates . . . / come my Krishna , / and complete me / before my sunsets . . . ( KRISHNA )

‘ ‘मैं आपकी मधुर आवाज को महसूस करता/करती हूं/हमेशा मेरे पास…/आपकी कोमल उंगलियां/मेरे कंधों को स्पर्श करें/आलिंगन करें। . . / मेरे हावभाव कुछ जगह से / टकटकी लगाए हुए हैं। . . / मैं अपना दिल ढूंढता हूं / आप में धड़कता है। . . / मेरे कृष्ण आओ, / और मुझे पूरा करो / मेरे सूर्यास्त से पहले। . .

( कृष्णा )

जीवन के अंतर्संवाद के रूप में कविता अपनी भाषा में जीवन के सर्वोत्कृष्ट के रूप में असीम अगोचर ईश्वर की आराधना अभ्यर्थना के साथ संसार में जीवन के अन्य लौकिक उपादानों के साथ सांसारिक यथार्थ के राग विराग के बीच अपने प्रवाहपथ पर जब अग्रसर होती है तो जीवन के प्रति आत्मकल्याण की भावना के साथ लोकमंगल का भाव इसके सृजन के निमित्त के रूप में प्रकट होता है और सूक्ष्म – स्थूल के बीच चेतनतत्व के रूप में अपनी सात्विक भाव भंगिमा से यह आत्मा को मुग्ध कर देती है और बेहद सरलता सादगी से जीवन के यथार्थ को प्रतिपादित करती है . तेजस्विनी पाटील की कविताएँ अपनी अर्थपरकता में इस आशय को चतुर्दिक प्रतिपादित करती हैं !

‘ A big cloud / descends from the sky / riding the pinnacles / of the mountains . . . / It pours itself / on the earth / vacating the chores / he has carried from the sky / and returns . . ./ I witness it / defeating the clouds / in my eyes . ‘ ‘ ( WITNESS )

हिन्दी अनुवाद

(‘ ‘एक बड़ा बादल/आसमान से उतरता है/शिखर पर सवार होकर/पहाड़ों का। . . / यह अपने आप को / पृथ्वी पर डालता है / कामों को खाली करता है / उसने आकाश से किया है / और वापस लौटता है। . ./ मैं इसे देखता हूं / बादलों को हराता हूं / अपनी आंखों में। ‘ ‘ )

( साक्षी )

सदियों से मनुष्य की जीवनानुभूतियों में जो कुछ भी सुंदर और सार्थक रहा है , कविता के सुंदर वितान में उसका स्फुट – अस्फुट स्वर सुबह की स्वर्णिम किरणों के समान आत्मपुंज से विस्तीर्ण होता रहा है ! काव्यशास्त्र में संसार को सागर के समान कहा गया है और कविता में जीवन लहरों के बीच किसी नाव की तरह निरंतर डूबता – उतराता दिखायी देता है . कविता हमारी जीवनयात्रा के यथार्थ को इस रूप में अभिव्यक्त करती रही है और कल्पना के सुंदर रंगों से संसार के प्रति असीम प्रेम का भाव कविता में जब प्रकट होता है तो अनुभूतियों का सहज आत्मिक संस्पर्श हमारे मनप्राण को आनंद से प्लावित कर देता है और जीवन की बगिया में विस्तीर्ण फूलों का सुवास हृदय में आनंद का संचार करता है .

‘ ‘ Strolling on the road , / I turned you / To the mountains . / ‘ ‘ they are like your wishes ‘ ‘ / you said . / Ever since , / they are getting / deeply rooted in my heart . ‘ ‘ ( Fragments )

हिन्दी अनुवाद

‘ ‘ सड़क पर टहलते हुए, / मैंने तुम्हें घुमाया / पहाड़ों की ओर। / ” ‘वे आपकी इच्छा के समान हैं’ ‘ / आपने कहा . / जब से , / वे मेरे दिल में / गहराई से जड़ें जमा रहे हैं। ‘ ‘ ( टुकड़े टुकड़े )

‘ ‘ When the door is opened / after a long time , / long awaiting / two guests of wind / merge into each other / Witnessed by the Passion . ( PASSION )

हिन्दी अनुवाद

(जब दरवाजा खोला जाता है / लंबे समय के बाद, / लंबे समय से प्रतीक्षा / हवा के दो मेहमान / एक दूसरे में विलीन हो जाते हैं / जुनून के साक्षी होते हैं।)
( जोश)

‘ And in our land . . . / You validate the currency , / . . . not thougts . / Your being on the Wall / does not affect the corrupt hands / and real weapons used in daylight . Come back , Bapuji , / we need you to free us / from our own clutches . ( BAPUJI )

हिन्दी अनुवाद

*’ ‘और हमारे देश में। . . / आप मुद्रा को मान्य करते हैं, /। . . विचार नहीं। / आपका दीवार पर होना / भ्रष्ट हाथों / और दिन के उजाले में इस्तेमाल होने वाले असली हथियारों को प्रभावित नहीं करता है। वापिस आ जाओ, बापूजी, / हम चाहते हैं कि आप हमें / हमारे अपने चंगुल से मुक्त करें। (बापूजी)*

कवयित्री ने इस कविता संग्रह की एक कविता में बापू को याद करते हुए देश के वर्तमान परिवेश के प्रति अपने मन के क्षोभ को गहरी पीड़ा और व्यथा के साथ उकेरा है और समाज की वर्तमान व्यवस्था के दुष्चक्र में आदमी के जीवन और उसकी नियति को लेकर सवालों को प्रस्तुत किया है . जीवन में संघर्ष का आह्वान करती इन कविताओं में समाज के स्याह सफेद पन्नों पर दिन और रात की तरह सुख – दुख की बातें पसरी हुई हैं और शांति मौन के साथ कविता में जीवन की सच्ची साधना का स्वर अभिभूत करता है ! जंगल , पहाड़ और हरे भरे पेड़ खेत बाग बगीचों की सुंदरता के सान्निध्य में कवयित्री का काव्यस्वर नैसर्गिक जीवन के संधान में अक्सर विचलन में डूबता उतराता बेहद करीब से सबको संबल देता है ! इस प्रकार कवयित्री जीवन की राहों पर निरंतर चलती चुनौतियों से गुजरती अपनी काव्ययात्रा में जीवन के सारे पड़ावों को पार करके अनूभूतियों से कविता के एक प्रामाणिक पाठ को लेकर उपस्थित होती है ! इसे देखना जानना सबके लिए जरूरी है !

‘ ‘ She broke the frame and crossed threshhold / She’ s massacred along with her fetus . . / She broke her silence and took out her sword / She’ s gang raped on the road , in a metro . / Boundaries of all sorts , at her feet bowed . ( SHE )

हिन्दी अनुवाद

*’ ‘उसने फ्रेम को तोड़ा और दहलीज को पार किया / उसके भ्रूण के साथ उसकी हत्या कर दी गई। . / उसने अपनी चुप्पी तोड़ी और अपनी तलवार निकाल ली / मेट्रो में सड़क पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। / हर तरह की सीमाएँ, उनके चरणों में नतमस्तक। ( वह )*

तेजस्विनी पाटील की इन कविताओं में मौजूदा समय और समाज की त्रासदियों का जीवंत बयान भी समाया है और इस कोटि की कुछ कविताओं में कवयित्री के उद्गारों में नारी उत्पीड़न से जुड़े प्रसंगों को लेकर गहरे आक्रोश के भाव प्रकट हुए हैं ! नारी स्वातंत्र्य का भाव और समाज में इसके चतुर्दिक बंधन अवरोध की प्रचलित बातों के बीच कविता में नारी संकल्प और साहस के तेवरों से भी कविता के नये पाठ को यहाँ उद्घाटित करता है . इस प्रकार कवयित्री की इन कविताओं में मौजूदा समय और समाज के कई रंग कविता के परिदृश्य पर दृष्टिगोचर होते हैं !

नारी के सहज मनप्राण को लेकर रची गयी इन कविताओं में ग्रीष्म का ताप और इसके साथ बारिश की प्रतीक्षा रात भर टपकने वाली ओस की बूँदों से सुबह मन के तालाब का भर जाना और अंतहीन सफर पर उसका रोज चल पड़ना ये प्रसंग कविता में नारी जीवन के यथार्थ के कई आयामों से हमें अवगत कराते हैं और इन सबके बीच ईश्वर का असीम प्रेम और स्नेह यहाँ कविता की पवित्र भावभूमि को सिंचित करता संकट के इस दौर में भी जीवन में आस्था और विश्वास को कायम रखना बताती हैं !

तेजस्विनी पाटील की कविताओं में आत्मिक अनुभूतियों की प्रधानता है और प्रेम के गहन राग विराग अपनी ऐकांतिकता में तमाम ऋतुओं की आवाजाही के बीच जीवन में अक्सर याद आने वाले पदचापों के समान सुनायी देते हैं और आत्मिक अनुभूतियाँ अपने सहज स्पंदन से जीवन के सन्नाटे को यहाँ समेटती दिखायी देती हैं और सांसारिक जीवन के कोलाहल से दूर कवयित्री सभी ऋतुओं के रासरंग में जीवन उत्सव का गीत कविता में सुनाती प्रतीत होती है !

समय की शिला पर कविता अपने यथार्थ में निरंतर संस्कृति के नये स्वर का संधान करती रही है और उसमें जीवन का इंद्रधनुषी रंग सबके मनप्राण को आनंद से भाव विभोर करता रहता है . कविता की सार्थकता से जुड़ी ये बातें नारी कविता के संदर्भ में खासकर समीचीन कही जा सकती हैं और उनमें प्रकृति , समाज और जनजीवन कवयित्री की जीवन चेतना से इस रूप में एकमेक प्रतीत होते हैं कि कविता में अभिव्यक्ति के सारे द्वंद्व सिमटकर शाश्वत तत्व का रूप ग्रहण कर लेते हैं और इस प्रासंगिकता में जीवन के नये – पुराने संदर्भ जब कविता की विषयवस्तु में खूबसूरती से पिरोये दिखायी देते हैं तो इसके अर्थ आशय के बारे में कुछ कहना आसान नहीं होता . महाराष्ट्र की सुपरिचित कवयित्री तेजस्विनी पाटील के प्रस्तुत कविता संग्रह ‘ A glass of time ‘ में संग्रहित सारी कविताएँ इस दृष्टि से पठनीय हैं !

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