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दुखद : पूरे देश के विद्युत संयंत्रों को कोयला मुहैया कराने वाले धनबाद के लोगों के लिए 24 घंटे बिजली का सपना अब भी है अधूरा

ByAdmin Office

Dec 29, 2022
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*तेलीपाड़ा़ में चार करोड़ की लागत से बना सबस्टेशन अब भी पड़ा बेकार*

*9 वर्षों के बाद भी यहां से बिजली की सप्लाई शुरू नहीं*

*धनबाद :* पूरे देश के विद्युत संयंत्रों को कोयला मुहैया कराने वाले धनबाद के लोगों के लिए 24 घंटे बिजली का सपना अब भी अधूरा है. बिजली विभाग इस मामले में कुछ तो कार्यशैली के कारण या फिर साधन के अभाव में असहाय साबित हुआ है. दूसरी तरफ बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए जिन योजनाओं पर काम हो रहा है, वे या तो अधूरी पड़ी हैं या फिर इच्छाशक्ति के अभाव में पूरी होने के पहले दम तोड़ चुकी हैं. धनबाद में निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए तेलीपाड़ा, सुगियाडीह और कुसुमविहार में सब स्टेशन निर्माण का काम तो शुरू हुआ, मगर अब तक पूरा नहीं हुआ.
तेलीपाड़ा बिजली सब स्टेशन की आधारशिला वर्ष 2013 में तत्कालीन मंत्री मन्नान मल्लिक ने रखी थी. परंतु 9 वर्षों के बाद भी यहां से बिजली की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है. पूछने पर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के अधिकारी हर बार या तो टाल देते हैं या अगले महीने का जुमला फेंक कर पीछा छुड़ा लेते हैं. अब एक बार फिर जनवरी 2023 से यहां से तेलीपाड़ा सब स्टेशन चालू कर बिजली सप्लाई का लक्ष्य रखा गया है. पता नहीं यह वादा भी पूरा होगा या नहीं.
वर्ष 2018 में स्थानीय लोगों ने करमाटांड़ के रास्ते दोमोदरपुर होते हुए तेलीपाड़ा तक 33 केवीए ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का विरोध किया था. इसके बाद रुट बदला तो वन विभाग से एनओसी मिलने में देरी हुई. इस बीच वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना फैला तो योजना से भी ध्यान हट गया. गए. हालांकि 2021 में रेल लाइन के किनारे ट्रांसमिशन लाइन बिछाई गई.
गाजियाबाद जीएसपी कंपनी ने वर्ष 2019 में सबस्टेशन का काम पूरा कर जेबीवीएनएल को हैंडओवर कर दिया. 2021 में उसे ट्रांसमिशन लाइन से भी जोड़ दिया गया. बावजूद बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी की वजह से यह सब स्टेशन जंगल में बदल चुका है. यहां उगी लंबी-लंबी झाड़ियां चीख चीख कर अधिकारियों की लापरवाही बयां कर रही हैं. सबस्टेशन की सुरक्षा के लिए निर्मित चहारदीवारी भी कुछ जगहों पर क्षतिग्रस्त होने लगी है. इधर कई उपकरण पड़े-पड़े खराब होने लगे हैं.
तेलीपाड़ा सबस्टेशन को गोविंदपुर के कांड्रा में बने नेशनल ग्रिड से सीधे बिजली मिलेगी. इसके शुरू होने से डीवीसी पर निर्भरता कम हो जाएगी. शहर को बिजली का नया विकल्प मिल जाएगा. डीवीसी द्वारा बिजली कटौती करने की स्थिति में जेबीवीएनएल के पास बिजली सप्लाई को दुरुस्त बनाये रखने के लिए ज्यादा विकल्प होंगे.
हालांकि जेबीवीएनएल के कार्यपालक अभियंता शैलेन्द्र भूषण तिवारी का कहना है कि सब स्टेशन पूरी तरह बन कर तैयार हो गया है. एक सप्ताह में यहां की झाड़ियों को काट कर साफ-सफाई कर दी जाएगी. जनवरी 2023 में इसे चालू कर दिया जाएगा.

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