*अंतर्कथा प्रतिनिधि*
झरिया।समावेशी शिक्षा के झरिया रिसोर्स सेंटर के तत्वावधान में विश्व दिव्यांगता दिवस पर बोर्ड उर्दू मध्य विद्यालय के बच्चों के बीच दिव्यांगता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कई दिव्यांगजनों ने विद्यालय के बच्चों से मिलकर उनका हौसला अफजाई किया । बच्चों के हाथ मे दिव्यांगता एवं पर्यावरण संरक्षण के स्लोगन लिखे तख्तियां थी । बर्षों बाद समझ मे आया, प्रदूषण ने दिव्यांग बनाया । हम दिव्यांगों को प्यार चाहिए, शुद्व सांसो का अधिकार चाहिए । प्रदूषण के खिलाफ बोलिए अंकल, नही तो आपके बच्चे भी मेरी तरह दिव्यांग हो जाएंगे । मूक बधिर हमें है आशा, हम पढेंगे सांकेतिक भाषा । नेत्रहीन स्कूल चलेंगे, खेल खेल में ब्रेल पढ़ेंगे । हम अपनी किस्मत खुद गढ़ेंगे, उच्च शिखर की ओर बढेंगे , जैसे नारे लगा रहे थे ।फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह ने कहा कि झरिया में कोयला खनन जनित वायु प्रदूषण के कारण दिव्यांग बच्चों की संख्या बढ़ रहा है । वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चों के मस्तिष्क को। प्रभावित कर रहा है और बच्चे दिव्यांगता के शिकार हो रहे हैं । डॉ मनोज ने कहा कि चिंता जताते हुए कहा कि यदि इसी तरह प्रदूषण बढ़ता रहा तो झरिया का भविष्य हिरोशिमा न बन जाए ।रिसोर्स शिक्षक अखलाक अहमद ने कहा कि दिव्यांग दिवस के दिन दिव्यांग जनों के अधिकार, एवं समाज मे सम्मान स्थापित करने की बात करते है । उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण झरिया के लोग तनाव में जी रहे हैं । टेंशन का गर्भवती महिलाओं पर दुष्प्रभाव पड़ रहा हैं । आज प्रदूषण के खिलाफ दिव्यांग जन भी आवाज उठा रहे हैं ।कार्यक्रम में फिजियोथैरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह, स्पेशल एडुकेटर अखलाक अहमद, शिक्षक मो शरीफ रजा, कैलाश प्रसाद, मो महताब, मो आफताब, मो इक़बाल, फुरकान अंसारी, आशिफ अंसारी सहित सैकड़ों बच्चे उपस्थित थे ।
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