• Thu. Nov 30th, 2023

जल विवाद पर सर्वदलीय बैठक : सीएम सिद्धारमैया बोले- कर्नाटक पीएम मोदी के पास भेजेगा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

ByAdmin Office

Aug 24, 2023
Please share this News

 

बेंगलुरु: कावेरी, मेकेदातु और महादायी जल विवाद को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा कॉन्फ्रेंस हॉल में सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें तय हुआ कि जल बंटवारा विवाद की जमीनी हकीकत समझाने के लिए कर्नाटक एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजेगा.सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम ने मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम राज्य के हितों की रक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं. हर पांच से छह साल में बारिश की कमी के कारण तमिलनाडु को कावेरी जल छोड़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में कठिनाई साझा करने का फॉर्मूला निर्दिष्ट नहीं है. वकीलों को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में सक्षमता से बहस करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगी.
तमिलनाडु के लिए लाभ: सीएम ने कहा कि कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण को कठिनाई साझा करने के फॉर्मूले पर निर्णय लेना होगा. 67 टीएमसी पानी की भंडारण क्षमता वाले मेकेदातु बैलेंसिंग जलाशय के निर्माण से उन्हें ऐसे संकट के दौरान पानी छोड़ने में सुविधा होगी. हालांकि, सीएम ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि तमिलनाडु बिना किसी कारण के इस परियोजना का विरोध कर रहा है. कावेरी विवाद पुराना है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2018 में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया था. कावेरी जल नियंत्रण समिति की स्थापना की गई है. उन्होंने कई बैठकें की हैं.
वास्तविकता से वाकिफ कावेरी नियंत्रण समिति और प्राधिकरण में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों ने दुर्दशा के बारे में चिंता व्यक्त की है. इस साल बारिश कम हुई. जून और अगस्त में वर्षा कम होती है. अब तक 86.38 टीएमसी पानी छोड़ा जाना है. लेकिन 20 तारीख तक पानी 24 टीएमसी छोड़ा गया है. यानि हमने इसका विरोध किया.
बारिश नहीं होने से फसलों के लिए नहीं बचा पानी:सीएम सिद्धारमैया ने कहा, हमने अधिकारियों के सामने सच्चाई उजागर करने का ईमानदार प्रयास किया है. जैसा कि हमने तर्क दिया, इसे 15,000 क्यूसेक पानी से घटाकर 10,000 क्यूसेक पानी कर दिया गया. हमने उसकी भी दोबारा जांच के लिए आवेदन किया. तमिलनाडु के अधिकारी कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक से बाहर चले गए जब राज्य के अधिकारी तर्क दे रहे थे कि 15,000 क्यूसेक पानी उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है. बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई 25 तारीख को होगी और वकील इस मामले में सक्षमता से बहस करेंगे.इससे पहले बैठक में इस मुद्दे पर जानकारी रखने वाले महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने कहा कि कर्नाटक और केरल के कावेरी घाटी क्षेत्र में दक्षिण पश्चिम मानसून की विफलता के कारण 2023-24 कठिन साल साबित होगा. कावेरी जल नियंत्रण समिति ने अपनी बैठक में जून तक बारिश की कमी पर गौर किया है.
महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने बताया, 10 अगस्त को कर्नाटक से तमिलनाडु के लिए 15000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया था. वहीं कर्नाटक ने इसका कड़ा विरोध किया और पानी की मात्रा घटाकर 10,000 क्यूसेक कर दी. इससे व्यथित होकर, तमिलनाडु ने पानी छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई होगी.बैठक की शुरुआत में बोलते हुए उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि सिंचाई के मामले में कर्नाटक के हितों की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सरकार की कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने इस संबंध में सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा.
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बुधवार को कहा, ‘राज्य चालू वर्ष में 40 प्रतिशत जल संकट की स्थिति का सामना कर रहा है और उन्होंने विपक्षी दलों से राज्य के हितों की रक्षा के लिए राजनीति को किनारे करने का आग्रह किया है.’बाद में, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, सांसद डीवी सदानंद गौड़ा, कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली, सांसद सुमलता, जग्गेश, डॉ. हनुमंतैया, मुनिस्वामी, जीएम सिद्धेश्वर, विधायक दर्शन पुट्टन्नैया आदि ने कर्नाटक के कानूनी संघर्ष के लिए अपना समर्थन दिखाया. बैठक में यह महसूस किया गया कि बंटवारे के फॉर्मूले को ज्यादा ठीक करने की जरूरत है.
सभी दलों का समर्थन:पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, डीवी सदानंद गौड़ा, वीरप्पा मोइली, जगदीश शेट्टार, एचडी कुमारस्वामी, बसवराज बोम्मई, सांसद सुमलता अंबरीश, जग्गेश, डॉ. हनुमंतैया, मुनिस्वामी, जीएम सिद्धेश्वर, जीसी चंद्रशेखर, विधायक दर्शन पुट्टन्नैया आदि ने राज्य की कानूनी लड़ाई के प्रति अपना समर्थन दिखाया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *