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चार साल के अभिषेक वर्मा में क्रिकेट का जूनून सवार

ByAdmin Office

Sep 4, 2024
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अजय कुमार गुप्ता, मेसकौर (नवादा)

 

मेसकौर ( नवादा):- नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड की गिनती भले ही पिछड़े प्रखंडों में होती है। परंतु यहां भी प्रतिभा कि कमी नहीं है। चाहे शिक्षा के क्षेत्र हो, गयान का क्षेत्र या फिर खेल का क्षेत्र हो सभी क्षेत्रों में मेसकौर भी अपना उपस्थिति दर्ज करवाने की उम्दा रखती है। इसी कड़ी में प्रखंड क्षेत्र के बिसिआईत पंचायत के लक्ष्मण विघा गांव में एक चार साल के बच्चे के क्रिकेट की प्रतिभा की चर्चाएं को सुनकर अंतर्कथा की टीम पड़ताल करने के लिए पहुंची। जहां अभिषेक वर्मा नाम के चार साल के एक छोटा सा बालक रहता है। छोटा सा बालक में क्रिकेट की ऐसी जुनून सवार है कि प्रतिदिन अपने बड़े भाई और पिता के साथ क्रिकेट मैदान में जाकर घंटों तक लगातार बल्लेबाजी करता है। जिसके बल्लेबाजी को देखकर लोग विराट कोहली एवं ईसान किसन जैसे खिलाड़ी होने की चर्चाएं कर रहे है। यह छोटा सा बालक भले ही अपना अच्छा से पूरा पता नहीं बताता हो लेकिन क्रिकेट किट की सभी चीजों को के नाम अच्छे तरीके से मालूम है जैसे हेलमेट, ग्लास, पैड, एडी सहित खेल में उपयोग होने वाले सभी सामग्री को नाम बता देता है। यह बच्चा अभी से ही प्लास्टिक बॉल , सिंथेटिक बाल, और ड्यूज वॉल से प्रैक्टिस करता है। और यह बच्चा एक क्रिकेटर बनना चाहता है।

 

अभिषेक वर्मा के पिता संतोष वर्मा ने बताया कि हमारे प्रखंड क्षेत्र के सितामढी में अगहन पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष मेला का आयोजन होता है।बीते मेले में संतोष वर्मा और उसके दोनों पुत्र साथ में मेला देखने गया था। जहां खिलौने की अंबार लगा हुआ था। लेकिन अभिषेक वर्मा ने बैट बॉल ही खरीदने के ज़िद करने लगे,जीद के सामने संतोष वर्मा ने उसे बैट बॉल खरीद कर दे दिया। उसके बाद घर पर आकर बैट बॉल में रुचि दिखाने लगा। पिता ने क्रिकेट के दीवानगी को देखते हुए किसी तरह से दो महीने पहले क्रिकेट किट की व्यवस्था करवा दिया।तब से लेकर अब तक क्रिकेट के कई शब्दों जैसे फूल शॉट, कवर ड्राइव, ऑफ साइड, स्वीप करने कहते ही इन सभी शॉट खेल कर दिखा देते हैं। इसके साथ क्रिकेट के कई नियम को भी 4 साल के बच्चे जानकारी रखते हैं। अभिषेक वर्मा के पिता संतोष वर्मा ने बताया कि बच्चों में क्रिकेट के जुनून है। इसलिए क्रिकेट क्लब गया मे नामांकन भी करवा दिया हूं । उन्होंने कहा कि मैं भी एक साधारण किसान हूं। इसलिए उतना पैसा तो मेरे पास नही है कि बड़े क्रिकेट क्लब में नामांकन करवा सकूं।

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