देवीपुर -: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान देवघर एम्स में विभिन्न मांगों को लेकर पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने शनिवार को प्रबंधन के खिलाफ किया जमकर हंगामा कर दिया। छात्र-छात्राओं ने शनिवार को अलहे सुबह से इसकी तैयारी कर ली और बाहर से डॉक्टर की एम्स अस्पताल में इंट्री होते ही सभी छात्र छात्राएं हॉस्टल से निकल कर मुख्य गेट जाम कर दिया। एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय के विरुद्ध जमकर लगाए नारेबाजी और ताली बजाकर विरोध करने लगा। करीब 12 बजे एनाटोमी डिपार्टमेंट के हेड सह हॉस्टल इंचार्च डॉ रंजीत राय और एफएमटी के एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभय धीरज कुमार बिनोद जाम स्थल पर आया। जहां मीडिया को खबर कवरेज से रोकने का प्रयास किया गया। इसके बाद छात्र छात्राओं को जबरन जाम हटाने कहने लगा। परंतु उसका एक नहीं सुना और उसे बेरंग अपना कार्यालय वापस लोटना पड़ा। उसके जाने के बाद नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि हॉस्टल के अंदर काफी अनियमितता और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कहा की लिफ्ट खराब महीनों से कई मंजिल तक सीढ़ी से सफर करना होता है। खाने में कीड़े पाए हैं। कई वेलिग खाना नहीं खाने खाकर विरोध जताया। जो छात्र छात्राएं संघठन और अनियमितता और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाता है उसे कई तरह से प्रताड़ना किया जा रहा है। गत महीने एक छात्र तंग आकर जहर खा लिया। एक रूम एक विद्यार्थी की बातें एवं अन्य समस्या को लेकर एम्स अस्पताल के निदेशक के पास जाते हैं तो हमलोगों का नहीं सुनते हैं। काफी तंग और अंतिम उपाय को लेकर शनिवार को गेट जाम किए हैं। कहा कि एनाटोमी डिपार्टमेंट के हेड सह हॉस्टल इंचार्च डॉ रंजीत राय लोकल आदमी बोलकर वेलोग पर काफी अत्याचार करते हैं। उन्हें एनाटोमी डिपार्टमेंट के हेड और हॉस्टल इंचार्च दोनों पद निदेशक उसे दिया हुआ है। छात्र छात्राएं ने कहा कि एनाटोमी डिपार्टमेंट के हेड सह हॉस्टल इंचार्च डॉ रंजीत राय और एफएमटी के एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभय धीरज कुमार बिनोद के द्वारा सबके सामने ऐसा बर्ताव और मीडिया से ऐसा बर्ताव करते हैं तो बंद कमरे में कैसा बर्ताव करता होगा? इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। करीब एक बजे डॉ प्रियंका छात्र छात्राओं को समझाने आई। वे अपनी रिस्क पर सभी बातों को लेकर उचित मांग दिलाने को लेकर जाम हटाने कहती रही। वे एसी रूम में चलकर निदेशक से बात करने कह रही थी। इस पर छात्र छात्रायें ने जवाब में कही कि महीनो से एसी रूम में बात नहीं बनी तो आज गेट पर आने को नौबत पड़ी हैं। उनके द्वारा लाख समझाने के बावजूद एक नहीं सुना। अंत में डॉ प्रियंका छात्र छात्राओं पर जमकर बिफर पड़े और बुरा भला कहने लगा। इसी वक्त डॉ प्रियंका का साथ दे रहे डॉ बरनवाल आदि ने छात्र छात्राओं गंदी गंदी गालियां दे डाली और छात्र छात्राओं को धमकाते हुए गेट खुलवाकर कई गाड़ियों को बाहर जाने देने लगा। छात्र छात्राओं ने कहा हम भी किसी के बच्चे हैं हमारी मांग क्यों नहीं सुनी जा रही है और उल्टे गाली गलौज करते हैं। फिर छात्र छात्राओं ने चट्टानी एकता के साथ पुनः गेट को अपना ताला चाभी और सिकड़ बाजार से खरीद कर बंद किया और तिरंगा स्थित धरने पर बैठ गया। एम्स अस्पताल के निदेशक अपना प्रशानिक भवन स्थित कार्यालय से निकल कर छात्र छात्राओं से वार्ता किए। करीब एक घंटे तक और विभिन्न मांगों को लेकर और समस्या का उचित समाधान पर वार्ता करने के बाद छात्र छात्राओं ने देर शाम को गेट से ताला खोला। इस बाबत एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय से मिलकर या मोबाइल पर भी पक्ष लेने का प्रयास किया गया। परंतु उनके द्वारा अपना पक्ष नहीं दिया। जबकि सूत्रों ने बताया कि छात्र छात्राओं के आंदोलन से वह मीडिया से रूबरू नहीं हुआ। ना ही किसी अधिकारी को सामने आने दिया। छात्र छात्राओं के आंदोलन से दिनभर मरीज और डॉक्टर आने जाने नहीं सका। कई डॉक्टर पैदल चलकर दूसरी गाड़ी से जाते देखा गया। निर्माण कार्य में लगे वाहन भी रुका रहा।
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