
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. भाजपा विधायकों के इस्तीफे के बीच भीम आर्मी के अध्यक्ष व दलित नेता चंद्रशेखर आजाद गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे. सपा के छोटे दलों के गठबंधन में भीम आर्मी को भी शामिल करने की बात सामने आ रही है.
वहीं, योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा के एक दर्जन बागी विधायक भी अखिलेश यादव से मिलने समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे. सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात कराने के पीछे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के रूप में जुड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर हैं.
उत्तर प्रदेश में संकल्प भागीदारी मोर्चे में पहले भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण भी जुड़े थे और ओमप्रकाश राजभर के साथ कई अन्य दल भी जुड़े थे लेकिन बाद में ओमप्रकाश राजभर और कई अन्य छोटे दल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की डोर में बंध गए.
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि चंद्रशेखर सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि कोई इस बारे में खुलकर बोल नहीं रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को किस प्रकार से अपने गठबंधन में जोड़ते हैं और कितनी सीट देते हैं.
वहीं, राजनीतिक जानकार कहते हैं कि अगर भीम आर्मी भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल होती है तो समाजवादी पार्टी को इसका बड़ा फायदा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिल सकता है. भीम आर्मी की पकड़ और पैठ दलित समाज के बीच काफी तेजी से बढ़ रही है ऐसी स्थिति में इसका फायदा समाजवादी पार्टी को स्वाभाविक रूप में हो सकता है।
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