▪️ *बिना किसी सबूत और दस्तावेज के ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर दायर की जा रही याचिकाओं पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की*
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया.साथ ही ईवीएम पर पूर्ण भरोसा जताया है. बिना किसी सबूत और दस्तावेज के बार-बार इवीएम की चोरी, ईवीएम में गड़बड़ी और कमियों को लेकर की जा रही याचिकाओं पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी है.
इवीएम पर पुनः एक बार विश्वास जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने दो रिट याचिकाएं खारिज कर दीं. इनमें एक याचिका 19 लाख से अधिक इवीएम के गुम हो जाने से संबंधित थी, जबकि दूसरी चुनाव में बैलेट पेपर के उपयोग से संबंधित थी. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के गुम होने की संभावना एवं आरोप पर दायर रिट पर फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने इन संभावनाओं और आरोपों को पूर्णतया बेबुनियाद करार दिया. साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के पक्ष में फैसला सुनाया. बता दें कि वादी INCP ने संभावना जताई थी कि वर्ष 2016-19 के दौरान भारत निर्वाचन आयोग की अभिरक्षा से 19 लाख गुम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग वर्ष 2024 के आम सभा चुनाव में किये जाने की आशंका जताते हुए याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए प्रार्थी पर जुर्माना भी लगाया.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1991 की धारा 61 A को विलोपित करते हुए चुनाव में बैलेट पेपर के उपयोग से संबंधित याचिका को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के अयोग्य करार दिया. न्याय मूर्ति खन्ना का मानना था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के कार्य-पद्धति से संबंधित 10 से भी ज्यादा मामलों में समय समय पर न्यायालय के द्वारा परीक्षण किया गया है. न्यायालय ने मामले को खारिज करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की कार्य-पद्धति में पुनः अपना भरोसा जताया.
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