दिनांक – 29 दिसम्बर 2021
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर
मास – पौस (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष मास)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – दशमी शाम 04:12 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – स्वाती 30 दिसम्बर रात्रि 02:39 तक तत्पश्चात विशाखा
योग – सुकर्मा 30 दिसम्बर रात्रि 01:18 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल – दोपहर 12:41 से दोपहर 02:02 तक
सूर्योदय – 07:16
सूर्यास्त – 18:05
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण
विशेष –
हिन्दू पंचांग
एकादशी व्रत के लाभ
29 दिसम्बर 2021 बुधवार को शाम 04:13 से 30 दिसम्बर, गुरुवार को दोपहर 01:40 तक एकादशी है ।
विशेष – 30 दिसम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com