• Thu. Dec 12th, 2024

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

Byadmin

Dec 22, 2021
Please share this News

संकष्टी चतुर्थी भगवान श्रीगणेशजी को समर्पित है। भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है। इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है। भगवान गणेश के लिए किए जाने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत काफ़ी प्रचलित है।

क्या है संकष्टी चतुर्थी

संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है। पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं।

Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

आदित्यपुर : दुकानदारों का फूटा गुस्सा, सड़क से लेकर नगर निगम कार्यालय तक किया धरना प्रदर्शन, नगर निगम गरीब दुकानदार के साथ कर रही हैं नाइंसाफी, पुरुष से लेकर महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चे को लेकर नगर निगम कार्यालय तक पहुंचा
आदित्यपुर :नगर निगम के अतिक्रमण हटाने से दुकानदार पर बनी आफत, दवाइयां के लिए हुए मोहताज, खाने के पड़े लाले, नहीं मिल रहा है कोई सहारा, दुकानदार नगर निगम की कार्रवाई से नाखुश, दुकानदारों में आक्रोश
आदित्यपुर : झारखंड युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष डब्बा सोरेन ने उपयुक्त को सोपा ज्ञापन, बाजार शुल्क निर्धारित व बाजार क्षेत्र के बाहर मासूल वसूली को लेकर लगाए गंभीर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *