• Fri. Oct 4th, 2024

अखंड सौभाग्य के लिए सोमवार को महिलाएं करेंगी हरितालिका तीज का व्रत

ByAdmin Office

Sep 17, 2023
Please share this News

*धनबाद :* अखंड सौभाग्य के लिए सोमवार को महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत करेंगी। हरितालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।

इस वर्ष तृतीया तिथि का प्रवेश विश्वकर्मा पूजा के दिन ही 17 सितंबर को हो रहा है।
पंचांग के अनुसार 17 को दिन के 11.09 बजे से 18 सितंबर को दिन के 12.39 बजे तक ही तृतीया तिथि है। ऐसे में कई लोगों के बीच इस बात को लेकर संशय है कि संध्या में हरितालिका तीज का पूजन कैसे होगा, जबकि 18 को दिन के 12.40 बजे तिथि समाप्त हो जा रही है।

इस तिथि व काल को मानें तो 18 सितंबर को प्रात: 6.07 बजे से सुबह 8.34 बजे तक ही पूजन का शुभ मुहूर्त बन रहा है। पूजा की कुल अवधि मात्र दो घंटे 27 मिनट ही हो रही है।

*तृतीया युक्त चतुर्थी की हरितालिका तीज*

इस संशय का खंडन करते हुए वेदाचार्य रमेशचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि निश्चित ही तृतीया तिथि 18 को दोपहर 12:39 बजे तक ही है, लेकिन यह तृतीया तिथि चतुर्थी युक्त है। शास्त्रों में स्पष्ट अंकित है कि चतुर्थी सहिताय यातु सातृतीया फलप्रदा: अर्थात चतुर्थी युक्त तृतीया तिथि में हरितालिका तीज का व्रत शुभ फल देने वाला है। इसलिए पूरे दिन और संध्या में भी हरितालिका तीज का व्रत पूजन किया जा सकता है।

*मिट्टी, बालू से बने शिव-पावर्ती की होगी आराधना*

परंपरा के अनुसार व्रतियां मिट्टी और बालू से बनी भगवान शंकर-पार्वती की प्रतिमा बनाकर निर्जला व्रत करेंगी। संध्या में चौक सजाकर महिलाओं की मंडली पुरोहित की अगुवाई में पूर्ण विधि-विधान के साथ भगवान की पूजा करेंगी। इससे पूर्व गोबर से बने प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की वंदना की जाएगी। पूजा में नए वस्त्र, बांस के सूप और डलिया, शृंगार की सामग्री, अंकुरित चने का महत्व है।

*पारण के समय रहेगा भद्रा*

व्रती अगले दिन 19 सितंबर दिन मंगलवार को पारण करेंगी। क्षेत्रवार अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार कोई गुड़, कोई जौ के सत्तू से तो कोई गन्ने के रस से पारण करती हैं। इस बार पारण के दिन मंगलवार को भद्रा का प्रकोप है। सोमवार देर रात 1.15 बजे ही भद्रा लग जाएगा, जो 19 सितंबर मंगलवार को दिन के 1.43 बजे तक रहेगा। ऐसे में भद्रा के कारण पारण को लेकर व्रतियों में संशय है। पंडित रमेशचंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि इस भद्रा का वास पाताल लोक में हो रहा है, जो कि पृथ्वीवासियों के लिए शुभकर है। इसलिए व्रती प्रात: काल में सूर्योदय के उपरांत पारण कर सकती हैं। मंगलवार को धनबाद में सूर्योदय प्रात: 5.35 बजे हो रहा है। इस दिन गणेश उत्सव भी है।

Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed